क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अयोध्या विवाद: मुस्लिम पक्ष ने कहा- मामले का निपटारा हिंदू आस्था से नहीं कानून के हिसाब से हो

Google Oneindia News

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें पेश कीं। मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से वकील राजीव धवन ने कोर्ट से कहा कि भूमि विवाद का निपटारा कानून के हिसाब से हो, ना कि स्कंद पुराण और वेदों के जरिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में लोगों की आस्था हो सकती है लेकिन ये सबूत नहीं हैं। मुस्लिम पक्षकार के वकील ने कहा कि स्वयंभू का मतलब भगवान का प्रकट होना होता है, इसको किसी खास जगह से जोड़ा नहीं जा सकता है।

Ayodhya case: muslim parties to supreme court, dispute should be settled by law not on hindus belief

राजीव धवन ने कहा कि हम स्वयंभू और परिक्रमा के दस्तावेजों पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। राजीव धवन ने पुराने केस और फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि देवता की संपत्ति पर कोई अधिकार नही, केवल सेवायत का ही होता है। उन्होंने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि 1950 में सूट दाखिल हुआ और निर्मोही अखाड़े ने घटना के 40 साल बाद इन्होंने दावा पेश किया। ये कैसी सेवायत है? श्रद्धालुओं ने भी पूजा के अधिकार का दावा किया।

देवता के कानूनी व्यक्ति या पक्षकार होने पर राजीव धवन ने कहा कि देवता का कोई जरूरी या आवश्यक पक्षकार नहीं रहा है। यहां तो देवता और सेवायत ही आमने-सामने हैं। देवता के लिए अनुच्छेद 32 के तहत कोर्ट में दावा नहीं किया जा सकता है। राजीव धवन ने कहा, '1934 में हिंदुओं ने बाबरी मस्जिद पर हमला किया, फिर 1949 में अवैध तरीके से घुसपैठ की और आखिर साल 1992 में इसे ध्वस्त कर दिया। अब कह रहे हैं कि संबंधित जमीन पर उनके अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए।'

इतिहास पर भरोसा नहीं कर सकते- मुस्लिम पक्षकार

राजीव धवन ने कहा कि इस मामले में इतिहास और इतिहासकारों पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपने भी तो इतिहास के सबूत रखे हैं, उसका क्या? धवन ने दलील देते हुए कहा कि वैदिक काल में मंदिर बनाने और वहीं मूर्तिपूजा करने की कोई परंपरा नहीं थी। धवन ने कहा कि महाभारत तो इतिहास की कथा है लेकिन रामायण काव्य है क्योंकि वाल्मिकि ने खुद इसे काव्य और कल्पना से लिखा है। रामायण तो राम और उनके भाइयों की कहानी है। तुलसीदास ने भी मस्जिद के बारे में कुछ नहीं लिखा है जबकि उन्होंने राम के बारे में सबसे बाद में लिखा है। इस मामले में सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।

Comments
English summary
Ayodhya case: muslim parties to supreme court, dispute should be settled by law not on hindus' belief
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X