अयोध्या केस: मुस्लिम पक्ष की सुप्रीम कोर्ट से अपील- ध्यान रहे आपके फैसले से आने वाली पीढ़ियां होंगी प्रभावित
नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई पूरी हो चुकी है, इस मामले में नवंबर के महीने में सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। सुनवाई पूरी होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से अपील की है कि, न्यायालय का फैसला भारतीय संविधानिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करने वाला होना चाहिए क्योंकि इससे आने वाली पीढ़ियां भी प्रभावित होंगी। बता दें, मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से यह अपील शनिवार को 'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' दाखिल कर के किया जिसपर हिन्दू पक्ष ने आपत्ति भी जताई थी।
गौरतलब है कि, देश के सबसे पुराने मुकदमें में मुस्लिम पक्ष ने शनिवार को मोल्डिंग ऑफ रिलीफ दाखिल कर के न्यायालय से अपील की, फैसला सुनाते वक्त कोर्ट इस बात का ध्यान रखे कि इससे आने वाली पीढ़ियां भी प्रभावित होंगी। मुस्लिम पक्ष के मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर हिन्दू पक्ष ने आपत्ति जताई जिसके बाद इसे रविवार को सार्वजनिक कर दिया गया। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से कहा कि, माननीय कोर्ट का फैसला जिसके पक्ष में आये लेकिन उससे पहले यह ध्यान देना होगा कि इससे आने वाली पीढ़ियों और देश की राज्यव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ेगा।
यह भी पढ़ें: J&K: ISI ने रची बड़ी साजिश, पश्तून-अफगानी आतंकियों पर बढ़ाया फिदायीन हमलों का दबाव
न्यायालय
से
की
ये
अपील
कोर्ट
से
अपील
में
कहा
गया
कि,
उच्चतम
न्यायालय
का
फैसला
देश
के
करोड़ों
लोगों
पर
असर
डालेगा।
26
जनवरी
1950
से
देश
का
संविधान
लागू
होने
के
बाद
यहां
के
नागरिक
संवैधानिक
मूल्यों
पर
विश्वास
करते
हैं,
कोर्ट
के
फैसले
से
दूरगामी
प्रभाव
होगा।
मस्लिम
पक्ष
ने
कहा
कि,
कोर्ट
का
फैसला
ऐसा
होना
चाहिए
जिसमें
देश
की
संवैधानिक
मूल्यों
की
झलक
मिले।
इसके
अलावा
कोर्ट
जब
अपना
फैसला
सुनाए
तो
बहुधार्मिक
और
बहु
सांस्कृतिक
मूल्यों
का
भी
ध्यान
रखे।
बता दें, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन और मामले से जुड़े अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ दायर कर यह अपील किया था। शनिवार को मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में लिखित निवेदन फाइल किया, मुस्लिम पक्ष ने विवादित जमीन सहित केंद्र सरकार द्वारा कब्जा किए गए 67.703 एकड़ जमीन पर भी अपना दावा ठोका है।