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अयोध्‍या विवाद: 17 नवंबर के पहले आ जाएगा रामजन्‍मभूमि केस का ऐतिहासिक फैसला!

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बेंगलुरु। अयोध्‍या राम जन्मभूमि विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ लगातार सुनवाई कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्‍सीय संवैधानिक पीठ इस मामले की में जल्‍द जल्द से सुनवाई पूरी करके ऐतिहासिक फैसला सुनाने का प्रयास कर रही हैं। इसीलिए आज 30वें दिन सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शाम पांच बजे तक सुनवाई की और बुधवार और शुक्रवार को भी शाम 5 बजे तक सुनवाई करेगी। माना जा रहा हैं कि सुप्रीम कोर्ट जल्‍द से 18अक्टूबर तक मामले की सुनवाई समाप्‍त कर 17 नवंबर से पहले ही ऐतिहासिक फैसला सुना देगी।

 Ayodhya

शनिवार को भी कोर्ट कर सकती हैं सुनवाई

बता दें कि अयोध्‍या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को 30 वें दिन की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट सुबह 10.30 से शाम 5 बजे तक सुनवाई कर रहा हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कहा था कि वह सोमवार से मामले की सुनवाई एक घंटे से ज्यादा समय तक करेगी। पहले ही कोर्ट ने साफ कर दिया था कि मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए एक घंटे ज्यादा बैठना पड़े तो कोर्ट बैठेगी।

मुख्‍य न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि यदि दलीलें पूरी करने के लिए समय कम रहेगा तो वह शनिवार को भी सुनवाई करने के लिए तैयार हैं। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पांच सदस्यीय पीठ ने इस तरह अयोध्या मामले की सुनवाई करते हुए 18 अक्टूबर तक दलीलें पूरी करने की समय सीमा तय कर दी। इस विवाद की सुनवाई कर रही पीठ में न्यायमूर्ति गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड,न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर शामिल हैं।

 Ayodhya Dispute

फैसला लिखने का मिलेगा इतना समय

गौर करने वाली बात यह हैं कि अदालत द्वारा समयसीमा निर्धारित किए जाने के बाद 18 अक्टूबर तक का समय शेष बचा है। दलीलों के पूरा होने के बाद गोगोई की पांच सदस्‍यीय पीठ को इसके बाद चार हफ्तों का समय फैसला लिखने के लिए मिलेगा।

बता दें चार हफ्ते का समय इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इस मामले की संविधान पीठ के प्रमुख मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में यदि 18 अक्टूबर तक यदि मामले की सुनवाई हर हाल में पूरी हो जाएगी और अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मालिकाना हक के मुकदमे का फैसला मुख्य न्यायाधीश के रिटायरमेंट से पहले आ जाएगा।

 Ayodhya Dispute

मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि विवाद तो राम के जन्मस्थान को लेकर हैं कि वह है कहां?

गौरतलब हैं कि हिंदू पक्ष की ओर से अदालत में दलील रखी जा चुकी है। मौजूदा समय में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन अदालत में पक्ष रख रहे है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अयोध्या विवाद की 29वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि विवाद तो राम के जन्मस्थान को लेकर हैं कि वह है कहां? सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश राजीव धवन ने दलील दी "हम राम का सम्मान करते हैं, जन्मस्थान का भी सम्मान करते हैं। इस देश में अगर राम और अल्लाह का सम्मान नहीं होगा, देश खत्म हो जाएगा।"

धवन ने कहा कि विवाद तो राम के जन्मस्थान को लेकर है कि वह कहां है! उन्होंने कहा कि पूरी विवादित जमीन जन्मस्थान नहीं हो सकती! जैसा कि हिंदू पक्ष दावा करते हैं। कुछ तो निश्चित स्थान होगा। पूरा क्षेत्र जन्मस्थान नहीं हो सकता। धवन ने हिंदू पक्ष द्वारा परिक्रमा के संबंध में गवाहों द्वारा दी गई गवाहियां उसके समक्ष रखीं। उन्होंने हिन्दू पक्ष के गवाहों की गवाही पढ़ते हुए बताया कि परिक्रमा के बारे में सभी गवाहों ने अलग अलग बात कही है। कुछ ने कहा राम चबूतरे परिक्रमा होती थी, कुछ ने कहा कि दक्षिण में परिक्रमा होती थी।

rammandir

सुनवाई के साथ-साथ चल सकते हैं मध्यस्थता के प्रयास

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्‍ताह बुधवार को स्पष्ट किया था कि अयोध्या मामले की सुनवाई मध्यस्थता के प्रयासों के लिए रोकी नहीं जायेगी। न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि अयोध्या मामले की सुनवाई के साथ-साथ इसके समाधान के लिए समानांतर रुप से मध्यस्थता के प्रयास जारी रखे जा सकते हैं। पीठ ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं सी एस वैद्यनाथ और राजीव धवन की तरफ से सुनवाई पूरी करने के लिए दिये गये अनुमानित समय के मद्देनजर इस वर्ष 18 अक्टूबर तक सुनवाई खत्म हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मध्यस्थता के जरिये इस मामले के समाधान के लिए संबंधित पक्षों पर किसी प्रकार की रोक नहीं है। इस मामले के सभी पक्ष बातचीत के जरिये इस विवाद का समाधान कर सकते हैं और उसका नतीजा पीठ के सामने रख सकते हैं।

6 सितंबर से हर दिन हो रही सुनवाई

बता दें इस वर्ष मार्च में पीठ ने अयोध्या विवाद को मध्यस्थता के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला, अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू की समिति को सौंपा था किंतु मध्यस्थता के जरिये कोई समाधान नहीं निकला और इसके बाद शीर्ष न्यायालय ने रोजाना सुनवाई शुरू की । अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई छह सितंबर से शुरु हुई थी। पहले निमोर्ही अखाड़ा की तरफ से दलीलें दी गई। उसके बाद रामलला रिपीट रामलला और राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति ने दलीलें रखी। हिंदू पक्षकारों की दलीलें पूरी हो जाने क बाद मुस्लिम पक्षों की तरफ से दलीलें शुरु हुई हैं।

इसे भी पढ़े- साक्षी महाराज का दावा- 6 दिसंबर से शुरु हो जाएगा राम मंदिर का निर्माण

Comments
English summary
The constitutional bench of the supreme court is continuously hearing in the ayodhya ram janmabhoomi dispute case.It is believed that the sc will finish the hearing of the case from the earliest till 18 October and will give the historic verdict before 17 November.
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