अयोध्या केस: SC में रामलला के वकील ने कहा- हिंदुओं का विश्वास राम का जन्म अयोध्या में हुआ था
नई दिल्ली। अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम मंदिर भूमि विवाद मामले की रोजाना सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में छठे दिन बुधवार को रामलला विराजमान के वकील ने अपनी दलीलें कोर्ट में रखीं। रामलला के वकील ने कहा कि हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है और कोर्ट को इसके तर्कसंगत होने की जांच के लिए इससे आगे नहीं जाना चाहिए।
हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है- वकील
रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच के सामने दलीलें पेश करते हुए कहा कि राम जन्मभूमि पर स्थित किला बाबर या औरंगजेब ने तोड़ा था, वैश्विक स्तर पर लिखे गए इन तथ्यों में यह भ्रम है, लेकिन अयोध्या के राजा राम थे और उनका जन्म अयोध्या में हुआ था, इस पर कोई भ्रम किताबों में नहीं है। अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही बेंच में सीजेआई रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।
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जन्मस्थान को लेकर कोई भ्रम नहीं- रामलला के वकील
इसके पहले, मंगलवार को सुनवाई के दौरान रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने अपनी दलीलें पेश की थीं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनसे पूछा कि राम का जन्मस्थान कहां हैं? इस पर वकील ने कहा कि बाबरी मस्जिद का जहां गुंबद था उसी के नीचे। वकील ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाबरी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे वाले स्थान को भगवान राम का जन्मस्थान माना है। वकील ने कहा कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से विवादित स्थल पर उनका मालिकाना हक साबित नहीं किया गया था।
अयोध्या मामले पर सुनवाई का छठा दिन
उन्होंने ये भी कहा कि जब कभी हिंदू पूजा करने की खुली छूट मांगते हैं तो ये विवाद शुरू हो जाता है। वकील वैद्यनाथन ने कहा कि मस्जिद से पहले उस स्थान पर मंदिर था। उन्होंने कहा कि इसका कोई सबूत नहीं है कि बाबर ने ही वो मस्जिद बनाई थी। मुस्लिम पक्ष द्वारा ये दावा किया गया था कि उनके पास 438 साल से जमीन का अधिकार है, पर हाईकोर्ट ने भी उनकी इस दलील को नहीं माना था।