रामदेव बोले- मुस्लिम जानते हैं अयोध्या में भगवान राम पैदा हुए थे, पैगम्बर मोहम्मद नहीं
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नई दिल्ली। बहुचर्चित अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में पूरी हो चुकी है और देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद सभी की नजरें आने वाले फैसले पर टिकी हैं, इस बीच बयानों का दौर भी शुरू हो गया है। योगगुरु बाबा रामदेव ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने की वकालत की और कहा कि मुस्लिम भाई समेत सारी दुनिया जानती है कि वहां राम पैदा हुए हैं, पैगम्बर मोहम्मद नहीं।
'मुस्लिम भाई जानते हैं कि अयोध्या में भगवान राम पैदा हुए थे, पैगंबर मोहम्मद नहीं'
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, बाबा रामदेव ने कहा कि अयोध्या विवाद अब खत्म होने के करीब है और विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमारे मुस्लिम भाई और पूरा देश जानता है कि राम अयोध्या में पैदा हुए थे। पैगम्बर मुहम्मद अयोध्या में पैदा नहीं हुए थे, वहां राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।' महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को समर्थन देते हुए, रामदेव ने कहा कि राज्य और केंद्र में एक स्थिर सरकार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें यह सोचना होगा कि भारत अगले 10-15 सालों में अमेरिका, रूस और यूरोप के सामने कहां खड़ा होता है।
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अयोध्या विवाद अब खत्म होने के करीब- रामदेव
रामदेव ने कहा कि लोगों को हरियाणा और महाराष्ट्र में एक सरकार चुनने के लिए वोट करना चाहिए। रामदेव ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तारीफ करते हुए कहा कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है, वे ईमानदार हैं। खट्टर एक अच्छे इंसान हैं और वे भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। रामदेव ने कहा कि सरदार पटेल के बाद, पीएम मोदी और अमित शाह 'एक राष्ट्र, एक संविधान और एक ध्वज' के साहस के साथ आए, इससे लोगों को मोदी सरकार के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है। जो भी राजनीतिक और सामाजिक बाधाएं हैं, इनको हटाने का साहस पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह में है।
आर्थिक मंदी पर क्या बोले रामदेव
वहीं, आर्थिक मंदी के सवाल पर योगगुरु ने कहा कि दुनिया के बहुत से देश इस समस्या का सामना कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है जो पीएम मोदी के नेतृत्व से संभव है। रामदेव ने कहा, इस देश में वैचारिक आतंकवाद चल रहा है। दलितवादी, मार्क्सवादी और कुछ तथाकथित समाजवादी हमारे पूर्वजों के खिलाफ नफरत फैलाते रहे हैं, इसे रोकने की जरूरत है। कुछ लोग हैं जो देश की एकता को तोड़ने के लिए नफरत फैला रहे हैं। हमें इसके खिलाफ और सख्त कानून की जरूरत है।'