अयोध्या केस: अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर SC में दिया हलफनामा
नई दिल्ली। अयोध्या केस में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर हलफनामा दिया है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा और अन्य हिंदू पक्षों द्वारा ये हलफनामा सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में दिया गया है। अयोध्या मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों को मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर तीन दिनों के भीतर लिखित हलफनामा दायर करने को कहा था।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ दायर करते हुए कहा है कि कोर्ट आदेश दे सकता है कि संपत्ति का प्रबंध कैसे किया जाए। बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में आखिरी सुनवाई हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल, 'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' का प्रावधान सिविल सूट वाले मामलों के लिए होता है। खासकर मालिकाना हक वाले मामलों में इसका जिक्र आता है। वकील विष्णु जैन के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट संविधान के आर्टिकल 142 और सीपीसी की धारा 151 के तहत इस अधिकार का इस्तेमाल करता है।
'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' का मतलब हुआ कि याचिकाकर्ता ने जो मांग कोर्ट से की है अगर वो नहीं मिलती है तो विकल्प क्या है जो उसे दिया जा सके। यानी, दो दावेदारों के विवाद वाली भूमि का मालिकाना हक किसी एक पक्ष को दिए जाने पर दूसरे पक्ष को क्या मिलेगा।
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राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 2010 में फैसला सुनाया था। जिसमें कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का फैसला सुनाया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से तीनों पक्षों ने असहमति जताई थी और इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दायर की गई थीं, इसी मामले में 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।