क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

India-China tension: चीन के साथ तनाव पर ऑस्‍ट्रेलिया आया भारत के साथ, शहीदों को किया सलाम

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच ही ऑस्‍ट्रेलिया ने भारत का पक्ष लिया है। ऑस्‍ट्रेलिया ने कहा है कि उसने भारत की उन कोशिशों पर ध्‍यान दिया है जो चीन के साथ जारी टकराव को कम करने के लिए की जा रही है। इसके साथ ही ऑस्‍ट्रेलिया ने एलएसी पर शहीद हुए 20 सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी है। गौरतलब है कि 15 जून को एलएसी पर 45 साल बाद कोई टकराव हिंसक हुआ और इतने बड़े स्‍तर पर सैनिक शहीद हुए हैं।

यह भी पढ़ें-Indian army के साथ आया ताईवान, कहा- अब ड्रैगन का अंत करना हैयह भी पढ़ें-Indian army के साथ आया ताईवान, कहा- अब ड्रैगन का अंत करना है

Recommended Video

India China Tension: भारत के साथ आया Australia, शहीदों को दी श्रद्धांजलि | वनइंडिया हिंदी
'मिलिट्री ऑफिसर का पिता होने के नाते समझता हूं दर्द'

'मिलिट्री ऑफिसर का पिता होने के नाते समझता हूं दर्द'

भारत में ऑस्‍ट्रेलिया के हाई कमिश्‍नर बैरी ओ फारेल की तरफ से बुधवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। उनके बयान से इशारा मिलता है कि ऑस्‍ट्रेलिया इस समय भारत के पक्ष में है। फारेल ने इस बात पर ध्‍यान दिया कि गलवान में चीन के साथ टकराव को खत्‍म करने के लिए और हालातों को सामान्‍य करने के लिए भारत लगातार कोशिशें कर रहा है। इसके अलावा चीन के साथ विवाद पर ऑस्‍ट्रेलिया ने भारत के संयम की सराहना की है। हाई कमिश्‍नर फारेन ने कहा, 'हम भारत की उन कोशिशों पर ध्‍यान देते हैं जो बॉर्डर पर तनाव को कम करने के लिए जारी हैं और उन भारतीय सैनिकों के परिवारों वालों के प्रति अपनी संवेदनाएं जाहिर करते हैं जिन्‍होंने अपनी जान गंवा दी है।' इसके बाद फारेल ने आगे कहा, 'एक मिलिट्री ऑफिसर का पिता होने के नाते मैं उन सभी सैनिकों के बलिदान का सम्‍मान करता हूं जो देश की रक्षा में किया जाता है।' इसके साथ ही उन्‍होंने चीन के साथ जारी तनाव पर भारत का समर्थन करने की बात कही है।

चीन को प्रशांत महासागर में घेरेंगे ऑस्‍ट्रेलिया-भारत

चीन को प्रशांत महासागर में घेरेंगे ऑस्‍ट्रेलिया-भारत

4 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्‍ट्रेलिया के पीएम स्‍कॉट मॉरिसन के बीच पहली वर्चुअल समिट हुई। इस मीटिंग के दौरान दोनों देशों के बीच सात समझौते साइन हुए हैं जिसमें एक समझौता दोनों देशों की मिलिट्री से जुड़ा है। एक अहम घटनाक्रम के तहत गुरुवार को दोनों देशों के बीच एक बड़ी डील साइन हुई है। इस डील के बाद अब दोनों देश सैन्य-संचालन एक दूसरे के मिलिट्री बेस का प्रयोग कर सकेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह डील उन कुछ समझौतों का हिस्‍सा है जो ऑस्‍ट्रेलिया और भारत के बीच साइन हुए हैं।

मिलिट्री बेस का होगा प्रयोग

मिलिट्री बेस का होगा प्रयोग

अमेरिका के साथ भी है एक ऐसी ही डील जो डील भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच साइन हुई है उसे म्‍युचुअल लॉजिस्टिक्‍स सपोर्ट एग्रीमेंट (एमएलएसए) नाम दिया गया है। इस डील के तहत दोनों देशों की सेनाएं रिपेयर और सप्‍लाई की पुन: पूर्ति के अलावा रक्षा संबंधों को बढ़ाने के लिए मिलिट्री बेस का प्रयोग कर सकेंगी। भारत ने अमेरिका, फ्रांस और सिंगापुर के साथ इसी तरह का करार किया हुआ है। पीएम मोदी और ऑस्‍ट्रेलिया पीएम मॉरिसन की मीटिंग के बाद एक साझा बयान जारी हुआ है। इस बयान में कहा गया, 'दोनों पक्ष इस बात पर रजामंद हुए हैं कि सैन्‍य अभ्‍यासों में मौजूद दायरे और जटिलताओं को बढ़ाकर आपसी साझा सुरक्षा चुनौतियों से निबटने के नए रास्‍ते तलाशे जा सकते हैं।'

चीन को दोनों देशों का साफ संदेश

चीन को दोनों देशों का साफ संदेश

ऑस्‍ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने पीएम मोदी से कहा कि भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के हिंद-प्रशांत महासागर में मुफ्त, खुले और नियमों पर आधारित हित जुड़े हैं। दोनों देश स्‍वतंत्र नौसेना संचालन के लिए साझा हित रखते हैं। मॉरिसन का इशारा उस हिस्‍से की तरफ था जहां पर चीन अब अपनी मौजूदगी बढ़ाने की मंशा पाले हुए हैं। हिंद-प्रशांता महासागर क्षेत्र पर पीएम मोदी के साथ वार्ता करके मॉरिसन ने चीन को स्‍पष्‍ट संदेश दिया है। चीन की साउथ चाइना सी में युद्ध मौजूदगी ने कई देशों को परेशान कर दिया है।

चीन की दादागिरी से नहीं डरेगा ऑस्‍ट्रेलिया

चीन की दादागिरी से नहीं डरेगा ऑस्‍ट्रेलिया

पिछले दिनों ऑस्‍ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव नए स्‍तर पर पहुंच गया। ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरिसन ने चीन को दो टूक कह दिया है कि वह 'दादागिरी' से डरने वाले नहीं हैं। ऑस्‍ट्रेलिया की तरफ से कोरोना वायरस के स्‍त्रोत और इसके फैलने की वजहों का पता लगाने के लिए इंटरनेशनल इनक्‍वॉयरी की मांग की गई है। इसके बाद से ही चीन के साथ उसका राजनयिक तनाव बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना वायरस सबसे पहले चीन के शहर वुहान से निकला था। ऑस्‍ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन (ईयू) की तरफ से दबाव के बाद पिछले माह वर्ल्‍ड हेल्‍थ एसेंबली (डब्‍लूएचए) कोरोना वायरस महामारी पर एक स्‍वतंत्रत आकलन के लिए मजबूर हुआ था।

चीन और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच भी तनाव

चीन और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच भी तनाव

मॉरिसन की तरफ से यह तल्‍ख बयान उस समय आया जब चीन ने ऑस्‍ट्रेलिया को निर्यात होने वाले कुछ सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया और साथ ही चीनी पर्यटकों और छात्रों से अपील की कि वो ऑस्‍ट्रेलिया जाने से बचें। न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स की मानें तो अब इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम स्‍तर पर पहुंच चुका है।हाल ही में चीन ने पिछले कुछ हफ्तों में ऑस्‍ट्रेलियाई बीफ के आयात पर बैन लगा दिया है। साथ ही ऑस्‍ट्रेलिया से आने वाले जौ पर टैरिफ लगा दिया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं चीन ने अपने देश के पर्यटकों से कहा है कि वह ऑस्‍ट्रेलिया जाने से बचें। दोनों ही मसलों को चीनी अधिकारियों ने महामारी के दौरान एशियाई लोगों पर नस्‍लभेदी हमलों को लेकर दी गई चेतावनी करार दिया था।

Comments
English summary
Australia supports India over standoff issue with China in Ladakh says this.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X