जिंदगी और मौत के बीच केवल नंबर बनकर रह गए मजदूर, केंद्र और राज्य सरकारों पर भड़के प्रशांत किशोर
नई दिल्ली। पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है, लेकिन इस वैश्विक संकट के बीच जिस तरह से आज बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है, इस हादसे में 16 मजदूरों की मौत हो गई है। इस हादसे ने लॉकडाउन के बीच अलग-अलग जगहों पर फंसे मजदूरों की पीड़ा को और बढ़ा दिया है। मजदूरों की मौत के बाद राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने इस हादसे पर दुख जाहिर करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रशांत किशोर ने प्रवासी मजदूरों की मौत महज एक आंकड़ा बनकर रह गई है।
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प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, निडर प्रवासी मजदूर अब सिर्फ नंबर बनकर रह गए हैं, उनकी जिंदगी और मौत महज एक नंबर है। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो केंद्र और राज्य सरकारों ने इन मजदूरों को उनके नसीब और समाज की दया पर छोड़ दिया है। बता दें कि औरंगाबाद में पटरी पर प्रवासी मजदूरों के ऊपर से एक मालगाड़ी गुजर गई थी। जिनमें से 16 मजदूरों की मौत हो गई है। मरने वालों में मजदूरों के बच्चे भी शामिल हैं। घटना आज सुबह करमाड पुलिस स्टेशन थाने के अंतर्गत हुई है। वहीं कई मजदूर घायल भी हुए हैं। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
औरंगाबाद SP मोक्षदा पाटिल ने बताया, सुबह 5:15 बजे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, एक मालगाड़ी गुजर रही थी उसके नीचे मजदूर आ गए। इसमें 16 मजदूरों की मौत हो गई। एक घायल है, 4 लोग जो दूर बैठे थे उनसे हम पूछताछ कर रहे हैं। जो आदमी बचा है उसने बताया है कि ये लोग जालना से निकले थे और भूसावल जाना चाहते थे, जहां से वो ट्रेन पकड़ना चाहते थे। ये पैदल जा रहे थे, पटरी पर वो आराम करने के लिए लेटे थे, उनको नींद आ गई और ये हादसा हो गया। इस घटना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए रेल हादसे की खबर से मैं दुखी हूं। मैंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत की है और वे इस मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। सभी जरूरी मदद की जा रही है।
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