पूर्व CJI रंजन गोगोई को बड़ी राहत, अवमानना कार्यवाही की अनुमति देने से अटॉर्नी जनरल ने किया इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश और राज्यसभा के सदस्य रंजन गोगोई को अवमानना के एक मामला में बड़ी राहत मिली है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने गोगोई के खिलाफ शीर्ष न्यायपालिका के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए अवमानना कार्रवाई शरू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। कार्यकर्ता साकेत गोखले ने पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के कथित बयान के लिए उनके खिलाफ मामला शुरू करने को लेकर शीर्ष विधि अधिकारी से अनुमति मांगी थी।
आपको बता दें कि पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने एक कार्यक्रम में कथित तौर पर कहा था कि न्यायपालिका की हालत 'जीर्ण-शीर्ण' है और किसी व्यक्ति को समय पर न्याय नहीं मिल पाता है। एजी केके वेणुगोपाल ने कार्यवाही शुरू करने के लिए अनुमति देने से इनकार करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता को अपने पत्र में कहा है कि मैंने समूचे साक्षात्कार को देखा है। पूर्व सीजेआई व राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने अपने साक्षात्कार में जो भी कहा वो संस्थान की बेहतरी के लिए कहा।
गोखले ने अपनी याचिका में पूर्व सीजेआइ के उस बयान का जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि आप पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात करते हैं, लेकिन आपके यहां जीर्ण न्यायपालिका है। अगर आप कोर्ट में जाएं तो आप पछताएंगे। आपको फैसला नहीं मिलेगा। मुझे यह कहने में किसी तरह का संकोच नहीं है। ' बता दें कि अदालत की अवमानना कानून के तहत अटॉर्नी जनरल की मंजूरी के बिना कोई आम व्यक्ति आपराधिक अवमानना का मामला नहीं दर्ज करा सकता।
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