पूर्व नेवी अधिकारी की पिटाई पर बोले संजय राउत, कहा-'अगर मनमानी होती है तो लोग संयम खो ही देते हैं'
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बीच उपजा विवाद अभी शांत नहीं हुआ है कि इस बीच एक नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर मदन शर्मा की शिवसैनिकों द्वारा पिटाई ने एक और बवाल को जन्म दे दिया है, चारों ओर से सवालों में घिरी शिवसेना ने इस बारे में बड़ा बयान दिया है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के पदों पर टीका करते समय अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अगर मनमानी कर कुछ भी दिखाया जाएगा तो लोगों के संयम का बांध टूट जाता है, इसलिए बेहतर है कि सबलोग एक -दूसरे का आदर करें, राउत ने कहा कि मैं यह स्वीकार करता हूं कि नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर के साथ गलत हुआ और जिन्होंने उनके साथ गलत व्यवहार किया है उन्हें सजा भी मिलेगी, ये मेरा वादा है लेकिन यहां ये बात जरूर कहना चाहूंगी कि इन दिनों कुछ लोगों के ओर से महाराष्ट्र को बदनाम करने की साजिशें हो रही हैं।
राउत का सवाल-यूपी और केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने पर क्या होता है?
संजय राउत ने कहा कि नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर अफसर की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति पर उतर आया है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, राउत ने उल्टा सवाल किया कि यूपी और केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने पर क्या होता है, सबको मालूम है, यूपी में घर में घुसकर एक फौजी की हत्या हो जाती है, सीएम योगी का कार्टून बनाया तो कार्रवाई होती है, पं बंगाल में तो एक लड़की को जेल तक हो गई। कानून अपना काम अपने नियम के मुताबिक करता है। उन्होंने कहा कि अगर नेवी अफसर पूरे राज्य की बात करता है तो ये बीजेपी का लाउडस्पीकर है।
'अगर हम गलती करते हैं तो हमारी आलोचना करनी चाहिए'
संजय राउत ने कहा कि अगर हम गलती करते हैं तो हमारी आलोचना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने ये काम किया उनको कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए। किसी भी आदमी के साथ गलत नहीं होना चाहिए लेकिन इस बात को मुद्दा बनाने वाले पहले अपने आप को देख लें।
मदन शर्मा ने की सीएम उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की मांग
गौरतलब है कि सेवानिवृत्त नेवी अधिकारी मदन शर्मा ने उद्धव ठाकरे सरकार के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि उद्धव जी मैं आपसे अपील करता हूं कि अगर सरकार नहीं चला सकते हैं तो आपको इस्तीफा दे देना चाहिए। लोगों को सरकार चुनने का मौका दीजिए जो कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रख सके।