आडवाणी की गांधीनगर सीट के बाद अमित शाह को मिली अटलजी की भी ये अनमोल निशानी
नई दिल्ली- बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को एक बहुत बड़ा तोहफा मिला है। अब वे नई दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के 6ए कृष्ण मेनन मार्ग (6a krishna menon marg) वाले बंगले में रहेंगे। जाहिर है कि अमित शाह जैसे बीजेपी के नेता के लिए अटलजी के नाम से जुड़े बंगले में रहना एक बहुत ही बड़े गौरव की बात है।
अमित शाह को मिला वाजपेयी वाला बंगला
देश के नए गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को पूर्व पीएम वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) वाला बंगला अलॉट किया गया है। 2004 में एनडीए की सरकार जाने के बाद से पूर्व प्रधानमंत्री के नाते अटलजी को 6ए कृष्ण मेनन मार्ग (6a krishna menon marg) वाला बंगला दिया गया था। उनसे पहले यह बंगला डीएमके सांसद मुरासोली मारन के नाम आवंटित था। इस समय अमित शाह अकबर रोड के बंगला नंबर 11 में रह रहे हैं, जो उन्हें राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर उन्हें मिला था। यह टाइप 8 का बंगला है।
14 साल रहा बंगले से अटल का नाता
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) 2004 में सरकार जाने के बाद से पिछले साल अपने निधन से कुछ समय पहले तक 6ए कृष्ण मेनन मार्ग में ही रहते थे। 16 अगस्त, 2018 को वाजपेयी जी ने दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में आखिरी सांसें ली थी, जिसके बाद कुछ समय के लिए उनका पार्थिव शरीर उनके बंगले में लाया गया था। जहां से उन्हें अंतिम दर्शन के लिए भाजपा के मुख्यालय में रखा गया था।
जिम्मेदारी संभालने के बाद से काम में जुटे हैं शाह
अमित शाह (Amit Shah) ने पिछले 1 जून को गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाला है। गुरुवार को उनका मंत्रालय में बतौर गृहमंत्री छठा दिन है। बुधवार को ईद की छुट्टी के बावजूद वे गृह मंत्रालय पहुंचे और अधिकारियों के साथ कई अहम मसलों पर बैठक की। अमित शाह पिछले 5 दिनों में तीन बार कश्मीर को लेकर मीटिंग कर चुके हैं। उन्होंने पहले ही दिन 22 विभागों की प्रेजेंटेशन ली थी। 3 जून को उन्होंने आंतरिक सुरक्षा पर बैठक की थी, जिसमें आईबी चीफ, रॉ चीफ के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। गृहमंत्री के सामने धारा 370 (Article-370), 35ए (35A) और एनआरसी (NRC) जैसे चुनौतीपूर्ण मुद्दे भी हैं, जो बीजेपी (BJP) के चुनावी एजेंडे का भी हिस्सा हैं।
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