केरल में रहस्यमयी बुखार से 12 लोगों की मौत, अलर्ट जारी
कोच्चि। केरल के कोझिकोड जिले में तेज बुखार की वजह से नौ लोगों की मौत की खबर आई थी लेकिन अब मौत का आंकड़ा बढ़कर 12 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि नौ में से दो व्यक्ति निपाह वायरस से प्रभावित थे। अन्य मृतकों के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। जिला कलेक्टर यू वी जोस के नेतृत्व में मामले की जांच और निगरानी के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जोस ने वायरस से हुई मौतों की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतकों के सैंपल को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
इस घटना के बाद राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग भी बिल्कुल अलर्ट हो गया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केके श्याला ने स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। किसी भी आपातकालीन स्थिति में निबटने के लिए इलाज की निगरानी के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) को राज्य का दौरा कर सरकार की मदद करने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर केंद्रीय विशेषज्ञों की टीम राज्य का दौरा कर स्थिति का जायजा लेगी।
नड्डा ने ट्वीट कर कहा था, 'केरल में निपाह वायरस से हुई मौतों को लेकर राज्य के स्वास्थ्य सचिव के साथ मैंने स्थिति की समीक्षा की है। मैंने एनसीडीसी डायरेक्टर को को जिले का दौरा करने का आदेश दिया है।'
बता दें कि कोझीकोड़ में शनिवार को एक प्राइवेट अस्पताल में 50 साल की महिला की मौत हो गई थी, जबकि उसके 25 और 23 साल के दो रिश्तेदारों की 18 और पांच मई का निधन हो गया था।
क्या है निपा वायरस
निपाह वायरस मनुष्यों के संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य संक्रमित जीवों से संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है। यह इंफेक्शन फ्रूट बैट्स के जरिए लोगों में फैलता है। खजूर की खेती करने वाले लोग इस इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आते हैं। 2004 में इस वायरस की वजह से बांग्लादेश में काफी लोग प्रभावित हुए थे।
इलाज
मनुष्यों में, निपाह वायरस ठीक करने का एक मात्र तरीका है सही देखभाल। रिबावायरिन नामक दवाई वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है। हालांकि, रिबावायरिन की नैदानिक प्रभावकारिता मानव परीक्षणों में आज तक अनिश्चित है। दुर्भाग्यवश, मनुष्यों या जानवरों के लिए कोई विशिष्ट एनआईवी उपचार या टीका नहीं है।