सावधान: प्रदूषण के कारण दिल्ली में बढ़ रहे हैं अस्थमा के मरीज
नई दिल्ली। प्रदूषण के मामले में तो देश का दिल कहे जाने वाली राजधानी दिल्ली ने महारथ हासिल कर ली है जिसकी वजह से इस समय दिल्ली में अस्थमा और राइनाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
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यह कहना हमारा नहीं है बल्कि इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी अस्थमा एंड इम्युनोलॉजी (आइसीएएआइ) सर्वे का है, जिसमें कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं जिनका रोकथाम होना बहुत जरूरी है अन्यथा लेने के देने पड़ सकते हैं।
क्या आयी है रिपोर्ट..
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- इस समय दिल्ली देश के प्रदूषित शहरों में से एक है जिसके कारण यहां पर एलर्जी से होनेवाली बीमारी अस्थमा और राइनाइटिस ने पांव पसारना शुरू कर दिया है।
- दिल्ली की मौजूदा आबादी के 11.03 प्रतिशत लोगों में अस्थमा और 11.69 प्रतिशत लोगों को राइनाइटिस है।
- सर्वे में कहा गया है इन गंभीर बीमारियों की चपेट में 30-40 साल के लोग ज्यादा है।
- इसके पीछे प्रदूषण, तंबाकू का सेवन, स्मोकिंग जैसी चीजों का सेवन करना, सफोकेशन वाले स्थानों पर काम करना, वर्किंग स्टेशन पर समुचित हवा का अभाव जैसे कारण बताये गये है।
- एलर्जी का सीधा असर खुले स्थानों जैसे आंखों, नाक और स्कीन पर होता है जो कि सीधे बीमारियों को जन्म देते हैं और लोगों के इम्यून को प्रभावित करते हैं।
लक्षण: अगर आपको बार-बार सर्दी, खांसी बुखार हो और भीड़-भाड़ इलाके में सांस फूले या घबराहट हो तो आप तुरंत डॉक्टर से मिले क्योंकि ये अस्थमा के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।
राइनाइटिस: 'राइनाइटिस' (एआर) सांस संबंधी रोग है और दुनिया भर में एक तिहाई आबादी इससे पीड़ित है। 80 प्रतिशत मामलों में एआर की शुरुआत 20 साल से हो जाती है, कभी-कभी ये अनुवांशिक भी होती है।