यस बैंक संकट के बाद RBI ने कहा-सभी बैंकों के खाताधारकों का पैसे सुरक्षित, ना करें चिंता
नई दिल्ली। यस बैंक संकट के बाद लोगों के बीच अन्य बैंकों में जमा पैसों को लेकर अनिश्चता का माहौल बन गया है। अब भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों की चिंता को देखते हुए बयान जारी किया है। आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, कुछ बैंकों की जमा पैसों की सुरक्षा के बारे में मीडिया के कुछ वर्गों में चिंता जताई गई है। हम सभी बैंकों पर नजदीकी से नजर रख रही है। किसी भी खाताधारक का पैसा किसी भी बैंक में नहीं डूबेगा।
यस बैंक संकट को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि, खाताधारकों की कुछ बैंकों में जमा राशि की सुरक्षा को लेकर मीडिया के कुछ हलकों में चिंताएं जताई गई है। दरअसल ये सारी चिंताएं दोषपूर्ण विश्लेषणों पर आधारित हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि आरबीआई सभी बैंकों की निगरानी करता है। इसलिए सभी खाताधारकों और जमाकर्ताओं को को आश्वस्त करता है कि उनके किसी भी बैंक में जमा धन की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।
Reserve Bank of India: Concern has been raised in certain sections of media about safety of deposits of certain banks,this concern is based on flawed analysis.RBI closely monitors all banks&assures depositors that there is no such concern of safety of their deposits in any bank. pic.twitter.com/tKvU0IgsGI
— ANI (@ANI) March 8, 2020
आरबीआई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंकों की देनदारी निपटाने की क्षमता जांचने का आधार उनका बाजार पूंजीकरण नहीं होता है। बल्कि भारी जोखिम पर तुली संपत्तियों की तुलना में उनकी पूंजी का आधार होता है। इससे पहले यस बैंक के संकट के मध्य बैंकिंग क्षेत्र की सेहत को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने रविवार को कहा कि भारतीय बैंकों का पूंजी का आधार अच्छा है और उनको लेकर डरने की कोई वजह नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि बाजार पूंजीकरण (शेयर के बाजार मूल्य के हिसाब से बैंक की हैसियत) और जमाओं के अनुपात के आधार पर किसी बैंक की सेहत का आकलन करने का तरीका सही नहीं है। सुब्रमण्यन ने यहां अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा, मैं कहना चाहता हूं कि बैंकों के सुरक्षित होने का आकलन करने के लिए एम-कैप (बाजार पूंजीकरण) अनुपात पूरी तरह एक गलत मानक है। बैंकिंग क्षेत्र का कोई भी विशेषज्ञ या बैंकिंग नियामक इस मूल्यांकन का इस्तेमाल नहीं करता है।
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