जानिए किन राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस का वोट शेयर कितना बढ़ा और गिरा
नई दिल्ली। तीन बड़े राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को नुकसान का सामना करना पड़ा है। हिंदी बेल्ट के तीन अहम राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हुए चुनावों में हार के साथ ही बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। साल 2013 में यहां पर चुनाव हुए थे और बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की थी। मंगलवार को जब चुनाव के नतीजे आए तो कई लोगों ने कहा कि बीजेपी के ज्यादातर वाोट्स कांग्रेस के पास चले गए हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कांग्रेस के अलावा कुछ और उम्मीदवारों ने गुड न्यूज को बैड बना दिया। पार्टी को साल 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद सबसे ज्यादा वोटों का नुकसान झेलना पड़ा है। यह भी पढ़ें-तेलंगाना में विधानसभा चुनाव जीतने वाला इकलौता भाजपा उम्मीदवार
क्षेत्रीय बदल बने विजेता
तेलंगाना और मिजोरम की अगर बात करें तो यहां पर क्षेत्रीय दलों विजेता साबित हुए। साल 2014 के बाद से ही कई छोटे राज्यों में यह ट्रेंड देखने को मिला जहां पर गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी दलों को मतदाताओं ने शासन के लिए चुना। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस ट्रेंड से साफ है कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय दल एक अहम भूमिका निभाने वाले हैं। गैर-बीजेपी दल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके दूसरे कार्यकाल से रोकने के मकसद से एक साथ आने लगे हैं।
कांग्रेस का प्रदर्शन सुधरा
छत्तीसगढ़ में नए आंकड़ों से साफ है कि कांग्रेस को 43.2 प्रतिशत वोट इन चुनावों में हासिल हुए हैं। साल 2013 में पार्टी को 40.3 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं बीजेपी जिसे यहां पर तगड़ी हार का सामना करना पड़ा है उसके वोट शेयर में जबरदस्त गिरावट आई है। साल 2013 में जहां पार्टी को यहां पर 41 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे तो इस वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी का वोट प्रतिशत 32.9 पर पहुंच गया। वहीं बीएसपी को यहां पर साल 2013 में 4.3 प्रतिशत वोट मिले थे। इस वर्ष बीएसपी ने अजित जोगी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और इन चुनावों में पार्टी को 10.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए। निर्दलीय उम्मीदवारों की परफॉर्मेंस में सुधार हुआ है। साल 2013 में निर्दलीय उम्मीदवारों को 5.3 प्रतिशत वोट मिले थे और इस बार के चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में 6.3 प्रतिशत वोट आए।
राजस्थान चला छत्तीसगढ़ की राह
राजस्थान में भी यही ट्रेंड देखने को मिला। यहां पर बीजेपी के वोट शेयर में करीब छह प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। साल 2013 में बीजेपी को 45.2 प्रतिशत वोट मिले थे तो वहीं इस बार पार्टी के हिस्से में 38.8 प्रतिशत वोट आए। कांग्रेस ने अपने आंकड़ों में खासा सुधार किया। पार्टी को साल 2013 में 33.1 प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन मंगलवार को आए चुनावी नतीजों में पार्टी को 39.2 प्रतिशत वोट हासिल हुए। राजस्थान में निर्दलीय उम्मीदवारों का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा। साल 2013 में निर्दलीय उम्मीदवारों को 8.2 प्रतिशत वोट मिले थे तो इस बार उनके हिस्से में 9.5 प्रतिशत वोट आए।
मध्य प्रदेश में रोचक स्थिति
अब बात मध्य प्रदेश की जहां पर स्थिति काफी रोचक रही और यहां पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिला। कांग्रेस को साल 2013 में हुए चुनावों में 36.4 प्रतिशत वोट मिले थे। पांच वर्ष बाद हुए चुनावों में पार्टी के हिस्से में आए वोटों की संख्या बढ़ी और पार्टी के हिससे में 41.4 प्रतिशत वोट आए। जबकि बीजेपी को यहां पर आंकड़ों के हिसाब से करीब चार प्रतिशत का नुकसान हुआ। साल 2013 में पार्टी को मिले थे 44.9 प्रतिशत वोट और इस बार पार्टी के वोटों की संख्या गिरकर 41.3 पर पहुंच गई। यहां पर बीएसपी के वोटों में कमी आई है। पार्टी के वोटों का प्रतिशत 4.6 प्रतिशत तक गिर गया। जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों को पांच प्रतिशत से ज्यादा का फायदा इस बार हुआ।
मिजोरम में कांग्रेस को बड़ा नुकसान
मिजोरम सिर्फ ऐसा राज्य रहां जहां पर बीजेपी को फायदा हुआ और कांग्रेस को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट को बड़ा फायदा हुआ है और वह सत्ता में वापस लौटी है। मिजोरम नॉर्थ-ईस्ट का अकेला ऐसा राज्य था जहां पर कांग्रेस की सरकार बची थी। यहां पर हारने के बाद अब नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कांग्रेस सत्ता से बाहर है। कांग्रेस का वोट प्रतिशत यहां पर साल 2013 में 45 प्रतिशत था और इस बार 30 प्रतिशत पर पहुंच गया। वहीं बीजेपी का वोट प्रतिशत पांच गुना बढ़ा और 0.4 से बढ़कर आठ प्रतिशत पर पहुंच गया।