Assam NRC: CJI ने एनआरसी कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला का किया ट्रांसफर, बताई ये वजह
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के असम कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला का ट्रांसफर मध्य प्रदेश कर दिया। उनके नेतृत्व में हीं एनआरसी लिस्ट बनाने की प्रक्रिया संपन्न हुई थी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अध्यक्षता वाली बैंच ने कहा कि प्रतीक हजेला को लंबे समय के लिए डेप्यूटेशन पर भेजा जा रहा है। कोर्ट ने सरकार से इस संबंध में तुरंत आदेश जारी करने को कहा।
प्रतीक हजेला का ट्रांसफर
सरकार की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगापाल ने कोर्ट से इसकी वजह पूछी तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि कोई भी आदेश बिना वजह के नहीं होगा। असम के कई लोगों के लिए कोर्ट का ये आदेश आश्चर्यचकित करने वाला है। साल 1995 बैच के असम और मेघालय काडर के 48 साल के आईएएस अधिकारी हजेला को असम में संसोधित नागरिकता लिस्ट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ये काफी जटिल प्रोजेक्ट था।
आलोचनाओं का करना पड़ा था सामना
प्रतीक हजेला को एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था। उनके खिलाफ इस मामले में दो एफआईआर भी दर्ज की गई थी। उन पर वास्तविक भारतीय नागिरकों को लिस्ट से बाहर करने का आरोप लगा था। इसके अलावा उन्हें कई नागरिक संगठनों के साथ कई राजनीतिक दलों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। उनके आलोचकों में असम में शासित बीजेपी के भी नेता शामिल थे, जिन्होंने उन पर आरोप लगाया कि इस लिस्ट से कई हिंदूओं के नाम गायब थे।
अगस्त में जारी हुई थी एनआरसी लिस्ट
गौरतलब है कि अगस्त के आखिरी हफ्ते में जारी की गई एनआरसी लिस्ट में 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों का नाम फाइनल लिस्ट में शामिल किया गया था। इस लिस्ट से 19,06,657 लोगों को बाहर किया गया है। इस लिस्ट को जारी करते समय साफ कर दिया गया था कि जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वो फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाखिल कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्च ने हजेला को एनआरसी कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया था।
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