In depth- ज्यादा दिन शांत नहीं रह पायेगा असम-नागालैंड
असम और नागालैंड के बीच चल रही हिंसा के बाद अभी शांति का माहौल है। लेकिन ये दोनों राज्य ज्यादा दिन शांत नहीं रह पायेंगे। ऐसा इसलिये क्योंकि उत्तर पूर्वी भारत में आये दिन आगजनी और खून खराबे के कई कारण हैं। फिलहाल करीब दस हज़ार लोग अपना घर छोड़ कर राहत शिविर में शरण ले चुके हैं। आगे क्या होगा, इसकी गारंटी न तो राज्य सरकार ले सकती है और न ही केंद्र।
क्या है विवाद जिस वजह से हुई हिंसा
-
नागा
विद्रोहियों
द्वारा
अगवा
किये
गए
दो
छात्रों
को
छुड़ाने
की
मांग
को
लेकर
हिंसा
शुरू
हुई।
-
विवाद
जमीन
के
बटवारे
को
लेकर
शुरू
हुआ।
-
आदिवासी
सामा
ने
विवादित
जमीन
पर
खेती
करने
की
कोशिश
की
जो
की
दो
राज्यों
की
सीमा
है।
-
इसके
बाद
लोथा
ने
उसी
जगह
पर
झोपड़ी
बनाने
की
कोशिश
की।
इसकी
शिकायत
सामा
ने
क्षत्रिये
जमीनदार
से
की।
- फैसला हुआ की न लोथा वहां कुछ बना सकता है और न ही सामा खेती करे।
फिर हुआ अपहरण
-
इस
मामले
के
शांत
होते
ही
समुदाय
के
दो
छात्र
का
अपहरण
हो
गया।
-
इसके
लिए
लोथा
को
जिम्मेदार
ठहराया
गया
और
एनएलएम
विद्रोही
संगठन
ने
लोथा
सहित
कई
लोगों
को
गोलाघाट
छोड़ने
के
लिए
मजबूर
किया।
-
12
अगस्त
को
ये
बात
सामने
आई
की
नागा
ने
एक
आदिवासी
को
गोली
मर
दी
और
दो
को
घायल
कर
दिया।
-
आदिवासी
स्टूडेंट
के
संगठन
ने
नेशनल
हाइवे
को
ब्लॉक
कर
गोलाघाट
बंद
कर
दिया।
-
दोनों
समुदायों
ने
एक
दूसरे
पर
हमला
किया
और
घरों
को
जलाना
शुरू
कर
दिया।
-
12-13
अगस्त
को
नागा
विद्रोही
ने
आसाम
के
कई
बॉर्डर
इलाके
पर
हमला
बोल
दिया
और
14
गांव
वालों
को
मारकर
घरों
में
आग
लगा
दी।
- समस्या इस वक्त और बढ़ गयी जब लोगो ने हाइवे से 15 अगस्त को सरकारी अफसरों को भी नही जाने दिया।
ये है बवाल की जड़
- आसाम और नागालैंड विवादित क्षेत्र हैं जिसके लिए 1988 में एसपी में याचिका दायर की गयी।
- असम सरकार बॉर्डर की सीमा में बदलाव लाना चाहती है लेकिन नागालैंड इसके लिए इंकार कर रहा है।
- 1979 के विवाद के बाद आसाम नागालैंड बॉर्डर यूनियन होम मिनिसिटरी के अधिकार क्षेत्र में है।
हिंसा पर राजनीति
जन विद्रोही हिंसा पर राजनीति भी खूब गरमाई, इस दौरान भी जिम्मेदारों ने एक दूसरे पर अंगुली उठाई। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा चुनाव के समय जनता ने मोदी तो वोट किया। अब जनता को इस समस्या के लिए भी मोदी से सवाल करना चहिये। उन्होंने कहा सीमा क्षेत्र केंद्रीय सरकार के कार्यक्षेत्र में आता है मुझे इसमें दखल देने का अधिकार नही है।
गृहमंत्री ने असम और नागालैंड के मुख्यमंत्री ने मिलने को कहा। गृहमंत्री ने कहा हमारी स्थिति पर नज़र है आज दोनों सीएम से मिलकर समस्या का समाधान निकला जायेगा.सीआर प्रशासनिक तौर पर काम कर रही है।