असमः पुलिस 'पिटाई' से मुसलमान महिला का 'गर्भपात'
असम के दरंग ज़िले में कथित तौर पर एक गर्भवती महिला और उनकी दो बहनों की पिटाई करने के एक मामले में पुलिस चौकी के इंचार्ज और एक महिला कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है. दरअसल यह घटना बीते 8 सितंबर की है लेकिन पीड़ित महिला ने मंगलवार को जब मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाई तो प्रशासन हरकत में आया. पीड़ित महिला ने कहा कि वो दो महीने की गर्भवती थी
असम के दरंग ज़िले में कथित तौर पर एक गर्भवती महिला और उनकी दो बहनों की पिटाई करने के एक मामले में पुलिस चौकी के इंचार्ज और एक महिला कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है.
दरअसल यह घटना बीते 8 सितंबर की है लेकिन पीड़ित महिला ने मंगलवार को जब मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाई तो प्रशासन हरकत में आया.
पीड़ित महिला ने कहा कि वो दो महीने की गर्भवती थी और थाने में पिटाई के कारण उनका गर्भपात हो गया है.
पीड़ित महिला की एक बहन ने अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, "मेरी बड़ी बहन प्रेग्नेंट थी और पुलिस की पिटाई से उनको काफ़ी ब्लीडिंग हुआ था. पुलिस ने मेरी बहन की कमर और पैरों में डंडे से मारा था. बाद में जब जीजा जी उन्हें डॉक्टर के पास ले गए तो डॉक्टर ने कहा कि उनके पेट में जो बच्चा था वो ख़राब हो गया है. उनके पेट में दो महीने का बच्चा था."
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इस बीच पुलिस ने पीड़ित महिलाओं की तरफ़ से की गई शिकायत के बाद मामला दर्ज कर लिया है. वहीं मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सेंट्रल वेस्टर्न रेंज के डीआईजी को इस घटना की जाँच करने का निर्देश दिया है.
इस पूरी घटना की जानकारी देते हुए दरंग ज़िले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उज्जल बरूआ ने बीबीसी से कहा, "यह घटना सिपाझार थाना क्षेत्र के बूढ़ा आउटपोस्ट की है. दरअसल गुवाहाटी से जिन महिलाओं को पूछताछ के लिए लाया था उनके भाई रऊफुल अली पर एक लड़की के अपहरण का मामला दर्ज हुआ था."
उन्होंने कहा, "पुलिस रऊफुल अली को तलाशने उनकी बहन के घर गई थी और उनके परिवार के कुछ लोगों को पूछताछ के लिए थाने लेकर आई थी. लेकिन अब महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उनके साथ थाने में मारपीट की गई. इस शिकायत के बाद पुलिस ने एक मामला (मामला सं 757/19) दर्ज करते हुए बूढ़ा आउट पोस्ट के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर महेंद्र शर्मा और महिला कांस्टेबल बिनीता बोड़ो को निलंबित कर दिया है. फिलहाल इस मामले की जाँच चल रही है."
Regarding the assault on 3 females at Burha OP, a case has been registered at Sipajahr PS vide C/no757/19. Investigation has been entrusted to a DSP level officer. Errant police personel have been suspended.DIG(CWR) has been directed by the Govt. to enquire into the matter.
— Darrang Police (@Darrang_Police) 17 September 2019
रातभर पीटने का आरोप
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बरूआ ने कहा, "महिलाओं ने अपनी शिकायत में पिटाई के आरोप महिला कांस्टेबल बिनीता बोड़ो पर लगाए है. शिकायतकर्ता के अनुसार उस समय आउट पोस्ट के इंचार्ज महेंद्र शर्मा भी वहां मौजूद थे. लेकिन यह जाँच का विषय है और जाँच पूरी होने पर ही इन आरोपों की सच्चाई का पता चल पाएगा. हमने शिकायतकर्ता के आरोपों को ध्यान में रखते हुए आईपीसी की धारा 354/ 354 बी/ 325/ 506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है."
भारतीय दंड संहिता के मुताबिक़ यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की मर्यादा को भंग करने के लिए उस पर हमला या ज़ोर ज़बरदस्ती करता है, तो उस पर आईपीसी की धारा 354 और 354 B लगाई जाती है. जबकि किसी को गंभीर चोट पहुंचाने के लिए धारा 325 और जान से मारने की धमकी देने के लिए धारा 506 का प्रयोग किया जाता है. इन सभी धाराओं में अपराधियों के लिए दो साल की सज़ा का प्रवाधान है.
पीड़ित महिलाओं के एक रिश्तेदार ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया, "पुलिस की एक टीम 8 सितंबर की देर रात 1 बजे गुवाहाटी से तीनों बहनों को और उनमें से एक के पति को अपने साथ थाने ले गई थी. इसके बाद पूछताछ के नाम पर रातभर उन्हें डंडों से पीटा गया. आप मीडिया में छपी तस्वीर को देखिए. उनके शरीर पर गहरे लाल रंग के ज़ख़्म से पता चल जाएगा कि कितनी बेरहमी से उन लोगों को पीटा गया था. पीड़ित महिलाओं ने पुलिस को अपने ज़ख़्म दिखाए थे और 10 सितंबर को दरंग ज़िले के एसपी से लिखित में शिकायत भी की थी. लेकिन इतने दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमने जब मंगलवार को इस पूरी घटना के बारे में मीडिया को बताया तब जाकर कार्रवाई शुरू हुई."
पुलिस की स्टोरी
दरंग ज़िले के एक पुलिस अधिकारी ने भी नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया, "यह पूरा मामला एक हिंदू लड़की के अपहरण से शुरू हुआ था. दरअसल रऊफुल अली नामक एक मुसलमान लड़के ने ख़ुद को हिंदू लड़का बताकर एक हिंदू लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाया था. जबकि रऊफुल अली पहले से ही शादीशुदा है और एक बच्चे का बाप है. रऊफुल पेशे से एक ड्राइवर थे और वो लड़की उन्हीं के गाड़ी में आना-जाना करती थीं. इस तरह उन दोनों की मुलाकात हुई थी."
उन्होंने कहा, "बाद में जब वो लड़की को लेकर भाग गया तो लड़की के परिवार ने सिपाझार थाने में एक मामला दर्ज करवाया था. इसी अपहरण की घटना की जाँच कर रही पुलिस रऊफुल अली को तलाश रही थी. इसी आधार पर पुलिस गुवाहाटी में उसकी बहन के घर तलाशी करने गई थी. पुलिस को अपनी कार्रवाई के तहत कई बार ऐसे मामलों में रिश्तेदारों पर दबाव बनाने के लिए थोड़ी सख़्ती बरतना पड़ती है. लेकिन इस मामले में जहां तक महिलाओं की पिटाई करने की बात है तो जाँच पूरी होने के बाद ही सच सामने आ पाएगा."
इस मामले में असम प्रदेश महिला आयोग की चेयरपर्सन चिकिमिकी तालुकदार ने कहा, "यह एक जघन्य अपराध है जिसे सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हम इस घटना के संदर्भ में दरंग ज़िले के पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजेंगे."