Assam Mizoram dispute: हिमंत बिस्व सरमा ने टकराव के मसले पर दिया बड़ा बयान, जानिए क्या कहा
गुवाहाटी, 1 जुलाई: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मिजोरम के साथ हिंसक टकराव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सीमा विवाद को बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा है कि उनके खिलाफ एफआईआर होने से मामला सुलझता है तो उन्हें खुशी होगी और वह किसी भी थाने में पेश होने को तैयार हैं। लेकिन, साथ ही उन्होंने कहा है कि वह अपने किसी अधिकारी के खिलाफ जांच नहीं होने देंगे और सीमा विवाद सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। यही नहीं उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के लोगों को हिंसा कबूल नहीं है, जैसा कि असम और मिजोरम की सीमा पर देखा गया है। उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा को लेकर भी बड़ी बात कही है।
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सीमा
विवाद
को
सुलझाने
के
लिए
सुप्रीम
कोर्ट
जाएंगे-
हिमंत
असम
के
मुख्यमंत्री
हिमंत
सरमा
ने
कहा
है
कि
'मुझे
खुशी
है
यदि
मेरे
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
करने
से
समस्या
का
समाधान
हो
जाता
है,
मैं
जाऊंगा
और
किसी
भी
थाने
के
सामने
पेश
होऊंगा।
लेकिन,
मैं
हमारे
किसी
भी
अधिकारी
के
खिलाफ
जांच
की
इजाजत
नहीं
दूंगा।
हम
सीमा
विवाद
को
सुलझाने
के
लिए
सुप्रीम
कोर्ट
जाएंगे।'
'सीमा
विवाद
सिर्फ
बातचीत
के
जरिए
ही
सुलझाया
जा
सकता
है।'
इसके
साथ
ही
हिमंत
सरमा
ने
ट्वीट
करके
मिजोरम
के
साथ
सीमा
विवाद
पर
बड़ी
बात
कही
है।
उन्होंने
लिखा
है-
'हमारा
फोकस
उत्तर-पूर्व
की
भावना
को
जीवित
रखना
है।
असम-मिजोरम
की
सीमा
पर
जो
कुछ
भी
हुआ,
वह
दोनों
ही
राज्यों
के
लोगों
को
स्वीकार्य
नहीं
है।
मुख्यमंत्री
जोरामथंगा
ने
मुझसे
वादा
किया
था
कि
वे
अपने
क्वारंटीन
के
बाद
मुझसे
बात
करेंगे।
सीमा
विवाद
को
सिर्फ
बातचीत
के
जरिए
ही
सुलझाया
जा
सकता
है।'
रद्द
हो
सकती
है
सरमा
के
खिलाफ
एफआईआर
इस
बीच
दोनों
राज्यों
के
बीच
सीमा
पर
26
जुलाई
को
हुई
हिंसा
से
पैदा
हुए
तनाव
में
भी
कमी
के
संकेत
मिलने
लगे
हैं।
जानकारी
के
मुताबिक
असम
के
सीएम
हिमंत
बिस्व
सरमा
के
खिलाफ
मिजोरम
में
हुई
एफआईआर
को
वापस
लिया
जा
सकता
है।
मिजोरम
के
मुख्य
सचिव
का
कहना
है
कि
इस
एफआईआर
के
बारे
में
उन्हें
और
सीएम
जोरामथंगा
को
इत्तला
नहीं
थी।
गौरतलब
है
कि
उस
दिन
की
हिंसक
झड़प
को
लेकर
सरमा
और
असम
के
चार
सीनियर
अफसरों
और
दो
अन्य
अफसरों
के
खिलाफ
मिजोरम
में
आपराधिक
केस
दर्ज
किया
गया
था।
इससे
पहले
असम
पुलिस
ने
मिजोरम
के
6
अधिकारियों
और
एक
सांसद
को
पूछताछ
के
लिए
समन
भेजा
था।
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बता दें कि बीते 26 जुलाई को असम के कछार जिले से सटे मिजोरम की सीमा पर दोनों राज्यों के लोगों और पुलिस के बीच जोरदार हिंसक झड़प हुई थी। इस वारदात में असम के 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। दर्जनों लोग जख्मी हुए थे। दोनों ओर से जबर्दस्त पत्थरबाजी हुई थी और लगातार फायरिंग हो रही थी। उस घटना को लेकर दोनों राज्यों के अपने-अपने दावे हैं। हालांकि केंद्र सरकार के दखल के बाद हालात नियंत्रण में है और वहां सीआरपीएफ की तैनाती की गई है।