असम-मिजोरम बॉर्डर हिंसा: CRPF ने बयान जारी कर बताए घटनास्थल के मौजूदा हालात
नई दिल्ली,जुलाई 26: असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा विवाद ने सोमवार को उग्र रूप धारण कर लिया। दोनों राज्यों की सीमा पर पुलिसकर्मियों और नागरिकों के बीच जमकर भिड़ंत हुई। इस हिंसा में अभी तक अभी असम के 6 पुलिसकर्मियों की जान गई है और 80 लोग घायल हुए हैं। अब इस घटना पर सीआऱपीएफ की ओऱ से बयान सामने आया है। सीआरपीएफ एडीजी संजीव रंजन ओझा ने बताया कि, सीआरपीएफ की दो कंपनियां (असम में 119 बटालियन और मिजोरम में 225 बटालियन) असम और मिजोरम के बीच लैलापुर-वैरेंगटे विवादित स्थल पर तैनात हैं।
उन्होंने कहा कि, इन 2 अलग-अलग सीआरपीएफ की दोनों कंपनियां असम और मिजोरम के पुलिस बलों के साथ पहले से मौजूद थीं लेकिन वे तटस्थ रहीं। वे दोनों किसी का पक्ष नहीं ले रहे थे तभी दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर फायरिंग शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि, मिजोरम पुलिस ऊंचाई पर मौजूद थी और असम पुलिस के जवान मैदानी इलाकों में थे। आंसू गैस के गोले से कुछ राउंड की गोलीबारी के बाद मामले ने अचानक हिंसा शुरू कर दी और दोनों तरफ से स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की गई, जिससे 6 असम पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
सीआरपीएफ एडीजी संजीव रंजन ओझा ने बताया कि, हमारी सीआरपीएफ कंपनियों ने डीआईजी सिल्चर को घटना के बारे में सूचित किया, जिन्होंने बदले में डीजी सीआरपीएफ से संपर्क किया। डीजी सीआरपीएफ ने गृह सचिव को विस्तृत जानकारी दी और बाद में गृह मंत्री को मामले से अवगत कराया गया। सीआरपीएफ को शाम चार बजे के बीच स्थिति पर नियंत्रण करने का निर्देश दिया गया है। और शाम 4.30 बजे इस बीच, गृह मंत्री ने असम और मिजोरम के उन दोनों मुख्यमंत्रियों से बात की, जो घटनास्थल से अपने पुलिस बलों को वापस करने पर सहमत हुए।
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उन्होंने आगे बताया कि, सीआरपीएफ ने लाउडस्पीकरों से घोषणाएं कीं है। केवल असम पुलिस पूरी तरह से हट गई। एसपी कोलासिब के नेतृत्व में मिजोरम पुलिस के कुछ कर्मी अभी भी विवादित स्थल पर बैठे हैं। डीआईजी मिजोरम वहां पहुंचे, वह उन्हें जगह छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है। उधर असम-मिज़ोरम सीमा पर तनाव पर असम के कैबिनेट मंत्री परिमल शुक्ला बैद्य ने कहा कि, कुछ दिन से दिक्कत चल रही थी। उन लोगों ने पहले पत्थर और ईंट से हंगामा मचाया और उसके बाद अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दिया। अभी तक हमारे 6 पुलिसकर्मियों की जान गई है और 80 लोग घायल हैं। मुख्यमंत्री निगरानी कर रहे हैं।