असम में हिंदू परिवार ने कब्रिस्तान के लिए दान में दी जमीन
नई दिल्ली। भारत एक बहु-धार्मिक समाज है। यहां सभी धर्मों के लोग सद्भाव के साथ रहते हैं। वे न केवल आपस में परस्पर सहिष्णुता रखते हैं, बल्कि अन्य समुदायों की मान्यताओं के लिए समान सम्मान रखते हैं। यह बात असम के लोगों ने बार-बार फिर साबित की है। दरअसल यहां के नॉर्थ लखीमपुर में एक हिंदू परिवार ने मुस्लिम परिवार को कब्रिस्तान के लिए जमीन दान किया है। जानकारी के मुताबिक उत्तर करम के गोरेहा गांव में रहने वाले स्वर्गीय करुणाकांत भुयान का परिवार नाहर पुखुरी कब्रिस्तान के लिए 0.84 एकड़ जमीन दान किया।
यह जमीन लखीमपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम समुदाय भी श्मसान के लिए कब्रिस्तान की अपनी सीमा साझा करता है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक बीते 4 मई को, नाहर पुखुरी कबर्सटन समिति के शासी निकाय ने एक बैठक आयोजित की, जहां भुयान के परिवार ने भूमि दान की। बाद में इस नेक काम के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया। समिति के अध्यक्ष डॉ। हमीदुर रहमान ने बैठक की अध्यक्षता की और इस पहल के लिए शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
रोजा तोड़ कर हिंदू को मुस्लिम युवक ने दिया खून
असम में एक मुस्लिम युवक ने हिंदू की जान बचाने के लिए रोजा तोड़ दिया और इंसानियत का फर्ज निभाया। इस नौजवान ने इंसानियत के आगे धर्म, जाति, संप्रदाय सबको छोड़ दिया। मुस्लिम युवक ने रोजा तोड़कर हिंदू की जान बचाने के लिए रक्तदान किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक असम के मंगलदोई के रहने वाले पानुल्लाह अहमद और तापश भगवती दोनों ही ब्लड डोनर्स हैं और ब्लड डोनर्स समूह से जुड़े हैं।
दोनों के पास ही गुवाहाटी के एक निजी अस्पताल में ट्यूमर का ऑपरेशन करा रहे मरीज के बारे में फोन कॉल आई। उन्हें पता चला कि अस्पताल में भर्ती धीमाजी के रंजन गोगोई को खून की जरूरत है। पानुल्लाह ने बिना देर किए रक्तदान करने का फैसला किया, लेकिन र क्तदान से पहले उसे खाना खाना जरूरी थी। उसने रोजे के नियम कानून की परवाह किए बिना ही पहले खाना खाया और फिर रक्तदान करके रंजन की जान बचाई।