असम में खतरनाक हुए बाढ़ के हालात, 700 गांवों के 4 लाख लोग प्रभावित
नई दिल्ली। असम में बाढ़ की स्थिति खतरनाक हो गई है। यहां 17 जिलों के 700 गांवों में लगभग 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में गंभीर भुस्खलन जारी है। गुरुवार को इसके चलते कई मकान तबाह हो गए जबकि तीन लोगों की मौत हो गई। गोवाहाटी से गुजरने वाली ब्रह्मपुत्रा नदी के जल स्तर ने चेतावनी के निशान को पार कर लिया है। अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अनुभाग अधिकारी वी गांधिया ने कहा कि ब्रह्मपुत्रा नदी के जल स्तर ने चेतावनी के निशान को पार कर लिया है हालांकि इसने खतरे के स्तर को पार नहीं किया है।
जोरहाट के निमाती घाट पर नदी पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुकी थी। दूसरी नदियों जैसे दिखू, धनसिरी, जिया भराली, पुतिमारी और बेकी का जल स्तर भी खतरे के निशान से ऊपर है। इसके चलते कुछ प्रभावित जिलों में धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, जोरहाट, दर्रांग, बारपेटा, नलबाड़ी, माजुली, चिरांग, डिब्रूगढ़ और गोलाघाट शामिल हैं। गुरुवार को गोवाहाटी के पास दीपर विल इलाके में भुस्खलन के बाद दो घर बुरी तरह टूट गए जिसमें एक शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल शख्स ने बताया कि यह घटना सुबह लगभग 8 बजे हुई। बारिश के कारण एक पहाड़ गिर गया। मैं और मेरा परिवार दो घरों और कई वाहनों के साथ मलबे के नीचे आ गया।'
असम राज्य आपदा प्रबंधन के अनुसार 10 जुलाई शाम 5 बजे तक बाढ़ के चलते 13,267.74 हेक्टेयर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में लगातार हो रही बारिश के चलते हालात बदतर होते जा रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने जिला आयुक्त को कंट्रोल रूप 24 घंटे सक्रिय रखने के आदेश दिए हैं। ताकि उनके जिले में बाढ़ की स्थिति ने तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। बता दें कि भीषण बारिश के चलते राज्य में इंसेफेलाइटिस और जापानी इंसेफेलाइटिस के मामला बढ़े हैं। इस समय इंसेफेलाइटिस के 189 केस देखने को मिले हैं जबकि इससे कुल 14 बच्चों की जान जा चुकी है।
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