Assam Flood: असम में बाढ़ से अब तक 15 की मौत, काजीरंगा नेशनल पार्क का 95 फीसदी हिस्सा डूबा
नई दिल्ली। राज्य में बाढ़ की स्थिति विकट होने के चलते असम सरकार ने सोमवार को राज्य में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। इस बीच हजारों लोग बेघर हो गए हैं। पूर्वोत्तर राज्य के 30 जिलों में से 4,157 गाँव, जैसे धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, सोनितपुर, दर्रांग, उदलगुरी, बक्सा, बारपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, बोंगाईगांव और कोकराझार में बारिश लगातार जारी है। मृतकों की संख्या भी बढ़कर 15 हो गई है। राज्य के 33 जिलों में से 30 में से लगभग 43 लाख लोग अब तक बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ ये जिला
बारपेटा सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला जिला रहा, जिसमें 7.35 लाख लोग मॉनसून के प्रकोप का सामना कर रहे हैं। इसके बाद गोलपारा, मोरीगांव, नागांव और हैलाकांडी में भी हालात गंभीर हैं। ब्रह्मपुत्र नदी के बढ़ते जल स्तर से राज्य की राजधानी गुवाहाटी के कुछ हिस्सों के जलमग्न होने का खतरा है। बारिश के जारी रहने से राज्य की दस अन्य नदियां भी खतरनाक रूप से बह रही हैं। राज्यभर में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निकाले गए 83,000 लोगों को 183 राहत शिविरों में ले जाया गया है। ऊपरी असम से सड़क संपर्क कट गया है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 95% हिस्सा बहा
वन अधिकारियों ने कहा कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (एक सींग वाले गैंडे का घर) का 95 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ से प्रभावित हुआ है। पिछले दो दिनों में बाढ़ से 17 जंगली जानवरों की मौत हुई है। जानवरों को डूबने से बचने के लिए पार्क से बाहर निकलते देखा गया। राज्य में कृषि गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं, जिससे लगभग 90,000 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। राज्य सरकार के अनुसार, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को बचाने के लिए 380 कर्मियों वाली 15 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें तैनात की गई हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग को भी चिकित्सा मुद्दों को संबोधित करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि कंट्रोल रूम सहित फल्ड कंट्रोल मेकेनिज्म को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ सेवा में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा और पशुपालन विभाग को भी पीड़ित जानवरों की मदद करने के लिए निर्देशित किया गया है।
बाढ़ पीड़ितों की मदद को जुटे जन प्रतिनिधि
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मंत्रियों और जन प्रतिनिधियों को बाढ़ पीड़ितों की मदद करने और व्यक्तिगत रूप से बचाव कार्यों की निगरानी करने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को सोनोवाल को बुलाया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें बाढ़ से हुए बड़े पैमाने पर विनाश से अवगत कराया, और राहत के उपायों का विवरण दिया। केंद्र सरकार ने राज्य को इस संबंध में हर संभव सहायता और सहयोग का आश्वासन दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इससे पहले NDRF सहित केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश दिया था कि वे बचाव और पुनर्वास के प्रयासों में मदद करने में कोई कसर न छोड़ें।
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