असम के मंत्री हेमंत बिस्वा ने NRC पर जताई नाराजगी, डिटेंशन कैंप को लेकर किया बड़ा खुलासा
Recommended Video
नई दिल्ली। असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने सोमवार को कहा कि अगर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू नहीं किया जाता तो असम की सरकार भी एनआरसी में संशोधन के लिन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। गुवाहाटी में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि असम सरकार और नागरिकों के पुन: सत्यापन की मांग करने वाली कई अन्य याचिकाएं पहले से ही उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं।
डिटेंशन कैंप पर कही ये बात
गौरतलब है कि एनआरसी को लागू करने से देश के कई राज्य पहले ही मना कर चुके हैं। हाल ही में बिहार और सोमवार को आंध्र प्रदेश की सरकार ने भी इसे प्रदेश में लागू करने से साफ मना कर दिया। वहीं असम में एनआरसी की प्रक्रिया जारी है, इस मुद्दे पर बात करते हुए वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने एनआरसी को लेकर केंद्र के सामने शर्त रख दिया है। असम के मंत्री ने कहा कि राज्य में डिटेंशन कैंप गुवाहाटी कोर्ट के आदेश के कारण हैं, न कि केंद्र द्वारा लिए गए किसी फैसले के कारण। बता दें कि बिस्वा का यह बयान पीएम मोदी के बयान के बाद आया है।
Assam Minister Himanta Biswa Sarma: We are not happy with the National Register of Citizens (NRC) that has been released. If there is no national NRC then we have to have a fresh NRC or revision of it. We don't accept the NRC which was published. pic.twitter.com/HI7BxkZBJc
— ANI (@ANI) December 23, 2019
एनआरसी पर पीएम मोदी ने क्या कहा
दिल्ली में बीजेपी की 'आभार रैली' में जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि 130 करोड़ भारतीयों का CAA से कोई संबंध नहीं है। NRC के बारे में बहुत सारे झूठ फैलाए जा रहे हैं। यह कांग्रेस शासन के दौरान बनाया गया था। तब प्रदर्शनकारी कहां थे? हमने इसे नहीं बनाया, न ही हम इसे संसद में लाए या इसकी घोषणा की। अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ हैं। उन्होंने कहा कि जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और NRC दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है।
नए शरणार्थी को कानून का फायदा नहीं
पीएम ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी लोगों में फैल रहे भ्रम को रोकने की कोशिश की। उन्होंने कहा था कि CAA का फायदा नये शरणार्थियों को नहीं मिलेगा। पीएम ने कहा, "ये एक्ट उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं, किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए ये कानून है।