असम में बाढ़ का कहर: ढाई लाख से अधिक लोग प्रभावित, खतरनाक स्तर पर पहुंचा ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर
नई दिल्ली। असम में बाढ़ से लोगों को अभी तक राहत नहीं मिली है। असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि नेमाटीघाट (जोरहाट) और धुबरी, देसंग में नंगमुरघाट (शिवसागर), सोनितपुर, कामरूप, करीमगंज और आरडी ब्रिज में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर चल रहा है। प्राधिकरण ने कहा है कि कुल 18 जिलों सोनितपुर, दरंग, बक्सा, बारपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, बोंगईगांव, कोकराझार, ढोढ़ी, गोलपारा, कामरूप (एम), मोरीगांव, नागांव, गोलाघाट में जोरहाट और कछार के लगभग 1716 गांवों में लगभग 2 लाख 68 हजार के आसपास लोग प्रभावित हुए हैं।
फिलहाल इन लोगों के लिए बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, चिरांग, बोंगईगांव, कोकराझार, धुबरी, कामरूप, मोरीगांव, नागांव, गोलाघाट और जोरहाट जिले में 615 राहत शिविर बनाए गए हैं। यहां पर 99,659 लोग शरण लिए हुए हैं और इनके लिए 49 राहत वितरण केंद्र भी खोले गए हैं। बता दें असम में लगातार हो रही मुसलाधार बारिश की वजह से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
शुक्रवार को आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक असम में बाढ़ की वजह से पिछले 24 घंटे में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी के साथ असम में बाढ़ के चलते मरने वालों की संख्या 80 हो गई है। असम में गुरुवार को सात जिलों में पानी का स्तर अचानक बढ़ गया था। क्योंकि भूटान के कुरीचू नदी पर स्थित कुरीचू जलाशय से अधिक मात्रा में पानी छोड़ा था। जिसकी वजह से असम में पानी का दबाव बढ़ गया था।
कई
राज्यों
में
बारिश
और
बाढ़
से
हाहाकार
बता
दें
कि
असम,
बिहार,
महाराष्ट्र
समेत
कई
राज्यों
में
बाढ़
का
असर
देखने
को
मिला
है।
असम
और
बिहार
में
स्थिति
पहले
से
बेकाबू
हो
चुकी
है
और
गुरुवार
और
शुक्रवार
को
महाराष्ट्र
में
हुई
मुसलाधार
बारिश
की
वजह
से
मुंबई
से
सटे
कई
इलाके
जलमग्न
हो
गए
हैं।
इन
इलाकों
में
फंसे
लोगों
को
बाहर
निकालने
के
लिए
एनडीआरएफ
और
वायु
सेना
की
मदद
ली
जा
रही
है।
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