असम के CM ने एडवाइजरी को बताया सही, कहा- AK-47 लेकर घूम रहे मिजोरम के नागरिक
गुवाहाटी, 30 जुलाई: असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद का मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक दिन पहले असम सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की, जिसमें राज्य के लोगों को मिजोरम की यात्रा ना करने की हिदायत दी गई। उसके बाद से ही एडवाइजरी की काफी आलोचना हो रही थी। जिस वजह से अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा खुद इसके बचाव में उतर आए हैं।
सीएम ने कहा कि उनकी एडवाइजरी में कुछ गलत नहीं है। मिजोरम जाना असम के लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है, क्योंकि वहां के नागरिक एके-47 और स्नाइपर बंदूकें लेकर घूमते हैं। इससे पहले जारी एडवाइजरी में भी कहा गया था कि मिजोरम के कुछ समाज, छात्र/युवा संगठन असम के लोगों के खिलाफ लगातार भड़काऊ बयान दे रहे हैं। असम पुलिस के पास कई ऐसे वीडियो फुटेज भी हैं, जिसमें वहां के नागरिक ऑटोमैटिक हथियार लिए नजर आ रहे। ऐसे में मिजोरम की यात्रा से बचना चाहिए।
कांग्रेस
ने
बताया
था
शर्मनाक
जब
असम
सरकार
ने
एडवाइजरी
जारी
की,
तो
कांग्रेस
ने
सबसे
पहले
पलटवार
किया।
कांग्रेस
ने
कहा
कि
ये
एक
शर्मनाक
दिन
है,
जहां
देश
में
एक
राज्य
से
दूसरे
राज्य
में
यात्रा
ना
करने
के
लिए
एडवाइजरी
जारी
हो
रही
है।
वहीं
दूसरी
ओर
मिजोरम
के
सीएम
जोरमथंगा
ने
कहा
था
कि
पूर्वोत्तर
भारत
हमेशा
एक
रहेगा।
जो
लोग
मिजोरम
के
नहीं
हैं,
उनके
लिए
राज्य
के
कोलासिब
जिले
से
यात्रा
करने
पर
कोई
प्रतिबंध
नहीं
है।
हालांकि
वो
शुरू
से
ही
हिंसा
के
लिए
असम
पुलिस
को
जिम्मेदार
ठहरा
रहे
हैं।
'हम सबको मार डालेंगे', मिजोरम के सांसद की जान से मारने की धमकी के बाद असम पुलिस एक्शन में
अब
कैसे
हैं
हालात?
असम
के
कछार,
करीमगंज,
हैलाकांडी
और
मिजोरम
के
आइजोल,
मामित,
कोलासेब
इलाकों
में
अभी
भी
तनाव
की
स्थिति
बनी
हुई
है।
मामले
की
गंभीरता
को
देखते
हुए
तुरंत
गृह
मंत्रालय
एक्टिव
हुआ
और
दोनों
राज्यों
के
मुख्य
सचिव
को
दिल्ली
बुलाया।
वहां
चली
3
घंटे
की
बैठक
में
ये
फैसला
हुआ
कि
विवादित
इलाके
से
दोनों
राज्यों
की
पुलिस
पीछे
हटेगी।
साथ
ही
वहां
पर
केंद्रीय
पुलिस
बल
की
तैनाती
की
जाएगी।
ऐसे
में
अब
इन
सभी
इलाकों
में
CRPF
के
जवानों
ने
मोर्चा
संभाल
लिया
है।