नागरिकता बिल का विरोध तेज: गुवाहाटी से शिफ्ट हो सकती है भारत-जापान समिट
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 के भारी विरोध को देखते हुए भारत-जापान समिट को गुवाहाटी के बाहर शिफ्ट किया जा सकता है। नागरिकता बिल को लेकर असम में भारी विरोध हो रहा है। बुधवार को राज्यसभा में इस बिल के पास होने के बाद गुवाहाटी में कर्फ्यू लगाया गया है। अभी तक गुवाहाटी में बैठक का होना तय था लेकिन अब दूसरी जगह तलाशी जा रही है। प्लान बी के तहत दिल्ली में हैदराबाद हाउस को अब बैठक के लिए तैयार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच वार्षिक शिखर बैठक 15 से 17 दिसंबर को होनी है। हालांकि बैठक स्थल का अभी एलान नहीं किया गया है लेकिन ये तय माना जा रहा है कि गुवाहाटी इसकी मेजबानी करेगा। आबे मणिपुर का एक छोटा दौरा भी करेंगे। पिछले साल वार्षिक शिखर बैठक की मेजबानी जापान ने की थी।
वहीं बांग्लादेश ने भी इस बिल को लेकर नाराजगी जताई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमीन गुरुवार को छठें इंडियन ऑशियन डायलॉग में शामिल होने भारत आ रहे हैं। भारत आने से पहले उन्होंने कहा कि भारत झूठ बोल रहा है। उनके देश में अल्पसंख्यकों के साथ बराबरी का बर्ताव हो रहा है। जो बातें भारत की ओर से कही गई हैं वो गलत हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। बिल सोमवार को लोकसभा से और बुधवार को राज्यसभा में पास हुआ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल को राज्यसभा में पेश किया। अब इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून की शक्ल से लेगा। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है।
नागरिकता संशोधन विधेयक का देश के कई हिस्सों, खासतौर से पूर्वोत्तर में भारी विरोध हो रहा है। असम के कई जिलों में भारी तोड़फोड़ और आगजनी के बाद दस जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को रोक दिया गया है। गुवाहाटी में कर्फ्यू है। वहीं विपक्षी दल और कई संगठन भी इसका विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस, वामदलों, टीएमसी, द्रमुक, राजद, सपा, बसपा ने बिल का विरोध किया है।
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