बीजेपी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने शेयर किया फर्जी वीडियो, झारखंड के मॉक ड्रिल को बताया असम गोलीकांड
नई दिल्ली। असम में इसी माह विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो रही है। 27 मार्च को यहां पहले चरण की वोटिंग होगी। आखिरी चरण के लिए 6 अप्रैल को मतदान किया जाएगा। 2 मई को चुनावों के नतीजे आएंगे। इसे लेकर सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है और जमकर चुनाव प्रचार हो रहा है। एक दूसरे की गलत बताने और छवि खराब करने के लिए हर कोशिशें हो रही है। इसी क्रम में कांग्रेस ने एक ऐसी गलती की है जो पकड़ लिया गया है। असम कांग्रेस ने राज्य में भाजपा सरकार की नकारात्मक छवि बनाने के लिए ट्विटर पर 4 मार्च को एक वीडियो शेयर किया जिसमें दो पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को दो गोलियां लगने के बाद उन्हें गिरते हुए देखा गया।
असम कांग्रेस ने वीडियो को शेयर करते हुए असमिया भाषा में कैप्शन दिया, जिसका अनुवाद है, "प्रिय मतदाताओं, यह असम में चुनावी मौसम है। क्या आपने तय किया है कि 2021 के चुनाव में किसे वोट देना है? वोट डालने से पहले नीचे दिए गए वीडियो को एक बार देखें और तय करें कि किसे वोट देना है।" कांग्रेस ने 2017 के वीडियो को असम पुलिस के खिलाफ कथित ज्यादती दिखाने के लिए 2019 के वीडियो के रूप में जारी किया, जिन लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध किया था।
बीजेपी नेता और असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया। उन्होंने कांग्रेस द्वारा शेयर किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट और टाइम्स नॉउ की खबर का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसका 2019 में फैक्ट-चेक किया गया था। कांग्रेस को फेक न्यूज की फैक्ट्री कहते हुए बीजेपी के मंत्री ने लिखा, "वीडियो में 2 मिनट पर देखें, किस तरह से झारखंड के मॉक ड्रिल को असम पुलिस द्वारा शूटिंग बताया जा रहा है।"
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