NRC:असम में अतिरिक्त 1.2 लाख लोगों की बढ़ी मुश्किल, साबित करनी होगी नागरिकता
नई दिल्ली- असम में एक नई लिस्ट जारी की गई है, जिसमें एक लाख से ज्यादा अतिरिक्त लोगों का नाम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) से हटा दिया गया है। फाइनल ड्राफ्ट 31 जुलाई को जारी की जाएगी। इसका मतलब ये हुआ कि इन अतिरिक्त 1,02,462 लोगों को फाइनल ड्राफ्ट छपने से पहले अपनी नागरिकता साबित करनी होगी।
1 लाख लोगों के नाम अयोग्य पाए गए हैं
असम में बुधवार को जारी लिस्ट में 1,02,462 लोगों का नाम एनआरसी से इसलिए हटाया गया है, क्योंकि फिलहाल उन्हें एनआरसी की फाइनल ड्राफ्ट लिस्ट में रखने के अयोग्य पाया गया है। जिन लोगों का नाम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के अतिरिक्त लिस्ट से हटाया गया है, उन्हें इसकी सूचना व्यक्तिगत तौर पर खत के माध्यम से उनके आवासीय पते पर भेजी जाएगी। इन लोगों को संबंधित एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके) पर अपना दावा पेश करने के लिए 11 जुलाई तक का वक्त दिया गया है। उसके बाद उनके 31 जुलाई, 2019 को फाइलन नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स जारी होने से पहले उनके दावों का निपटारा किया जाएगा।
11 जुलाई तक नागरिकता साबित करने का मौका
प्रदेश के एनआरसी कोऑर्डिनेटर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह लिस्ट सिटीजनशिप (रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटीजन्स एंड इश्यू ऑफ नेशनल आईडेंटिटी कार्ड्स) रूल्स, 2003 के क्लाउज 5 के तहत जारी की जाएगी। गौरतलब है कि 30 जुलाई, 2018 को जो ड्राफ्ट जारी किया गया था, उसमें 3.29 करोड़ आवेदनों में से सिर्फ 2.9 करोड़ लोगों के नाम ही सही पाए गए थे। जबकि, 40 लाख लोगों का नाम ड्राफ्ट से बाहर कर दिया गया था। अब उन 40 लाख लोगों में से 1 लाख से ज्यादा अतिरिक्त नाम जुड़ गए हैं, जिन्हें एनआरसी की ड्राफ्ट लिस्ट से बाहर रखा गया है।
नेशनल सिटीजन रजिस्टर (एनआरसी) को समझें
गौरतलब है कि असम में एनआरसी को सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में अपडेट किया जा रहा है। इसे अंतिम रूप से जारी करने के लिए इस साल 31 जुलाई की तारीख मुकर्रर की हुई है। दरअसल नए नेशनल सिटीजन रजिस्टर में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम, पते और फोटो हैं। इसके जरिए प्रदेश में अवैध रूप से रहने वालों के बारे में जानकारी का खुलासा होगा। देश में लागू नागरिकता कानून से अलग असम अकॉर्ड, 1985 के मुताबिक 24 मार्च, 1971 की आधी रात तक राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों को ही भारतीय नागरिक माना जाएगा। इस रजिस्टर में उन्हीं लोगों के नाम शामिल किए जाएंगे, जो खुद को साबित कर पाएंगे कि उनका जन्म 21 मार्च, 1971 से पहले असम में हुआ था। साथ ही सूची में उन लोगों को भी शामिल किया गया है, जिनके वंशज देश की पहली जनगणना (1951) में शामिल थे या फिर जिनका नाम 24 मार्च, 1971 को असम की निर्वाचक नामावली में मौजूद था।
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