असम: गले तक पानी में खड़े होकर तिरंगे को सलामी देने वाले 9 साल के हैदर का भी नाम NRC से गायब
नई दिल्ली। असम के डुबरी जिले के प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापक ताजेन सिकदर, हैदर अली व दो अन्य लोग स्कूल में पानी भर जाने के बाद भी पिछले वर्ष 15 अगस्त को तिरंगे को सलामी देने के लिए खड़े हुए थे, वह तस्वीर लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुई थी। इस तस्वीर में जो 9 साल का बच्चा है उसे भी एनआरसी में जगह नहीं मिली है। इस बारे में ताजेन सिकदर का कहना है कि हैदर का नाम 30 जुलाई को पब्लिश हुए एनआरसी में नहीं है, जबकि उसके परिवार के लोग यहां थे।
परिवार के अन्य सदस्यों का नाम शामिल
सिकदर ने बताया ने कि हैदर के तमाम दस्तावेज जिसमे उसके दादा का लीगेसी दस्तावेज और उनके जन्म का 1951 का सर्टिफिकेट भी मौजूद है, यही नहीं उनकी जमीन के दस्तावेज उनके स्कूल से 2015 में जमा किए गए थे ताकि सिकदर का नाम एनआरसी में शामिल किया जा सके। हैदर के दादा का नाम अलोम खान था, जबकि रमाता का नाम जैबन खातून है जोकि मिड डे मील खाना बनाती हैं। जबकि हैदर का बड़ा भाई जयदोर और बहन रीना का नाम एनआरसी में है।
पिता की मृत्यु
स्कूल के प्रधानाध्यपक का कहना है कि हैदर की मां काफी गरीब है और वह नहीं जानती हैं कि एनआरसी क्या है, लिहाजा वह एनआरसी में उनका नाम शामिल कराने में उनकी मदद करेंगे। हैदर के पिता रुपनल खान कूड़ा बीनते थे जिनकी 2012 में जातीय संघर्ष के दौरान मृत्यु हो गई थी। आपको बता दें कि जिस स्कूल की तस्वीर वायरल हुई थी वह गुवाहाटी से 200 किलोमीटर दूर फकीरगंज के पास स्थित है।
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40 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं
गौरतलब है कि एनआरसी को आखिरी बार 24 मार्च 1971 को अपडेट किया गया था, जिसके बाद एक बार फिर से इसमे संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। एनआरसी मे तकरीबन 2.89 करोड़ लोग वैध नागरिक पाए गए थे, जबकि 40.07 लाख लोगों को इसमे शामिल नहीं किया गया था। एनआरसी में अपना नाम शामिल नहीं किए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया 28 अगस्त से शुरू होगी।
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