असम में 12वीं के सिलेबस से हटाया गया नेहरू और इंदिरा पर आधारित चैप्टर, उठा विवाद
असम में 12वीं के सिलेबस से हटाया गया नेहरू और इंदिरा पर आधारित चैप्टर, जमकर हो रहा है विवाद
गुवाहाटी: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) और देश की पहली महिला पीएम इंदिरा गांधी के योगदान और नीतियों से जुड़े चैप्टर को असम में 12वीं के सिलेबस से हटा दिया गया है। इसके अलावा 12वीं के सिलेबस से अयोध्या विवाद और गुजरात दंगों से जुड़े चैप्टर भी हटाए गए हैं। जिसको लेकर अब जमकर विरोध हो रहा है। कांग्रेस ने असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद (AHSEC) के इस फैसले का विरोध किया है। नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को एक पत्र लिखकर इसपर जवाब मांगा है।
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जानिए क्यों हटाया गया नेहरू और इंदिरा पर आधारित चैप्टर?
असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद (AHSEC) ने कहा कि कोरोना वायरस को देखते हुए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए इन चैप्टरों को सेलेबस से हटाया गया है। AHSEC का कहना है कि पिछले मार्च से कोविड-19 की वजह स्कूल बंद है, ऐसे में छात्रों का एकैडमिक शिड्यूल प्रभावित हुआ है, जिसको ध्यान में रखते हुए, ये फैसला किया गया है।
AHSCE ने अपने अधिकारिक वेबसाइट पर बताया है कि उन्होंने साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों विधाओं के सिलेबस में कटौती की है। AHSCE की वेबसाइट पर दी गई अधिकारिक जानकारी के मुताबिक परिषद के सचिव मनोरंजन ककाति का कहना है कि छात्रों पर से बोझ कम करने के लिए मौजूदा शैक्षणिक सत्र में सिलेबस में कटौती की गई है। यह सिलेबस कटौती सिर्फ मार्च 2021 तक ही लागू होगी।
कांग्रेस नेता ने लिखी असम CM को चिट्ठी
नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया (debabrata saikia) ने इस पूरे मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) को एक पत्र लिखा है। पत्र में देवव्रत सैकिया ने लिखा है कि जवाहरलाल नेहरू के योगदान और नीतियों से संबंधित कुछ चैप्टरों को 12वीं के सिलेबस से हटा दिया है, जिसे हम चाहते हैं कि पुन: वापस ले लिए जाएं। उन्होंने पत्र में सीएम से AHSEC को निर्देश देने का आग्रह किया है।
नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया ने कहा कि छात्रों का बोझ कम करने वाले फैसले का हम स्वागत करते हैं लेकिन सिलेबस जो चैप्टर चुनकर हटाए गए हैं, वो संदेह के घेरे में है। जवाहर लाल नेहरू की विदेश नीति और इंदिरा गांधी द्वारा शुरू किए गए "गरीबी हटाओ" अभियान को सिलेबस से हटाना कही से भी तर्कसंगत नहीं प्रतीत होता है।