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Welcome to Kejriwal: दिल्ली के सीएम घर आएं तो उनसे पूछिए, 'वादों का क्या हुआ?'

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बेंगलुरू। दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान के लिए अब बमुश्किल 10 दिन रह गए हैं और आम आदमी पार्टी सरकार ताल ठोंककर एक बार फिर सत्ता में वापसी की जुगत में हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने वर्ष 2015 में दिल्ली की जनता से किए उन 70 वादों को हिसाब देने से कतरा रही है।

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सवाल पूछने पर मोहल्ला क्लीनिक और महिलाओं को फ्री बस सेवा की जुगाली करने शुरू कर देती है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में प्लस प्वाइंट सिर्फ इतना है कि उनके खिलाफ बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने सीएम कैंडीडेट की घोषणा नहीं की है।

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दिल्ली के निवर्तमान मुख्यमंत्री केजरीवाल जनता के सामने पिछले पांच वर्ष के कामकाज का हिसाब-किताब रखने से इसलिए भी कतरा रहे हैं, क्योंकि वो दिल्ली की कमान डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सौंपकर पूरे देश में अश्वमेघ का घोड़ा पकड़ने निकले थे।

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पूरे साढ़े साल तक सीएम केजरीवाल पूरे देश में अश्वमेघ के घोड़े को पकड़ने के लिए दौड़ते रहे और जब दिल्ली लौटे को साढ़े साल बीत चुके थे। जब केजरीवाल थक-हारकर दिल्ली पहुंचे तब उन्हें तक उन्हें समझ में आ चुका था कि अगर अब नहीं जागे तो अंधेरा छंट जाएगा और सुबह हो गई तो दिल्ली भी हाथ से निकल जाएगी।

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यह वक्त लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव नतीजे के बाद का था जब दिल्ली की सत्ता बचाने के लिए केजरीवाल दिल्ली लौट चुके थे। जून, 2019 से अगस्त, 2019 तक कोप भवन में जा बैठे केजरीवाल ने कोई राजनीतिक बयान नहीं दिया। खासकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बोलने से बचते रहे और मोदी के खिलाफ बयानबाजी नहीं करने की कसम उन्होंने अभी तक खाई हुई है।

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दिल्ली विधानसभा 2020 के अभी तक के किसी चुनावी कैंपेन में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर अटैक करने का जोखिम नहीं लिया था। ये वही केजरीवाल हैं, जिन्होंने वर्ष 2013 में कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने के 49वें दिन बाद पीएम मोदी को वाराणसी में चुनौती देने के लिए इस्तीफा देकर भागे थे।

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 केजरीवाल एंड पार्टी प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करना ही नहीं भूल गई है बल्कि वह उन 70 वादों को भूलने का नाटक कर रही है, जिनको आधार बनाकर आम आदमी पार्टी ने 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 67 सीटों पर अपना विजय पताका लहराया था। केजरीवाल एंड पार्टी यह जानबूझकर कर रही है।

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क्योंकि केजरीवाल द्वारा किए 70 वादों पर एक नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि केजरीवाल द्वारा किए गए अधिकांश वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। ऐसा नहीं है कि केजरीवाल ने कुछ काम नहीं किए हैं। साढ़े साल में से बचे शेष 6 महीने में वामन अवतार में प्रकट हुए केजरीवाल ने महिलाओं को डीटीसी फ्री बस सुविधा, 200 यूनिट तक फ्री बिजली और कुछ जगहों पर फ्री वाई फाई की सुविधा पहुंचाई हैं।

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हालांकि चुनावी कैंपने में दिल्ली की आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता लगातार यह दावा करने से बिल्कुल नहीं कतरा रहे हैं कि 2015 में किए 70 वादे पूरे नहीं हुए हैं। क्योंकि राजनीतिक दल अच्छी तरह जानते हैं कि जनता की याद्दाश्त बहुत कमजोर होती है। उसे तत्काल का पता होता है।

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शायद यही कारण है कि केजरीवाल ने साढ़े साल भारत भर में सरकार बनाने की कोशिश की और जब उन्हें लगा कि अब चुनाव आ रहा है तो छह महीने उन लोक लुभावन वादों पर काम करना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें पब्लिसिटी भी खूब मिली। केजरीवाल भी अच्छी तरह जानते हैं कि जनता का क्या है जनता अब नए मेनिफेस्टो पर वोट करेगी, इसलिए पुराने गड़े मुर्दे उखाड़ने का क्या मतलब है।

लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के मतदान से पहले दिल्ली की जनता को यह जानना जरूरी है कि आखिर उन 70 वादों का क्या हुआ, जिसको पूरा होने का सपना लिए दिल्ली की जनता ने केजरीवाल एंड टीम को दिल्ली का ताज पहनाया था। इसलिए उनके 5 साल के कामकाज को कसौटी पर कसना जरूरी है।

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क्योंकि केजरीवाल ने खुद कहा है कि अगर दिल्ली के लिए आम आदमी पार्टी ने काम किया है तो वोट देना, नहीं तो मत देना। यह दिल्ली के सीएम केजरीवाल के वाक्य हैं। तो आइए जानते हैं कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल के दावों में कितनी सच्चाई है। क्या वाकई में वो 70 वादे पूरे हुए?

यह भी पढ़ें- दिल्ली चुनाव- सरकारी स्कूलों को लेकर केजरीवाल सरकार का दावा कितना सही है?

1. AAP ने पूरा किया दिल्ली जनलोकपाल बिल और स्वराज बिल का वादा?

1. AAP ने पूरा किया दिल्ली जनलोकपाल बिल और स्वराज बिल का वादा?

दिल्ली सीएम केजरीवाल वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी रैली में बड़े जोर-शोर से जनलोकपा बिल और स्वराज बिल को उठाया था, लेकिन उन्हें पूरे करने में आम आदमी पार्टी पांच साल में बुरी तरह से नाकाम रही। मेनिफेस्टो में जनलोकपाल बिल को लागू करके भ्रष्टाचार कम करने का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ। स्वराज बिल, जिसमें ग्राम सभाओं के शहरी संस्करण, मोहल्ला सभाओं के गठन, Citizen Local Area Development फंड प्रत्येक मोहल्ला सभा और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को दिया जाएगा, जो समुदाय के हाथों में धन और कार्यों को सुनिश्चित करेगा। ये दोनों वादे AAP ने पूरे नहीं किए।

2. AAP ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का किया था वादा?

2. AAP ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का किया था वादा?

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने राजनीति में प्रवेश से पहले से ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग करते रहे हैं और जब दिल्ली में सरकार बना ली तो सबसे दिल्ली को किया यह वादा भूल गए। यह वादा आम आदमी पार्टी के 2015 के मेनिफेस्टो का सबसे अहम वादा था, जिसे पूरा नहीं किया गया। इसमें संवैधानिक ढांचे के भीतर रहते हुए AAP दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने वाली थी। डीडीए, एमसीडी और दिल्ली पुलिस, दिल्ली की निर्वाचित सरकार के प्रति जवाबदेह हो यह भी सुनिश्चित करने वाली थी लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ।

3. 500 नए स्कूल बनाने का वादा, पांच साल में बनाए सिर्फ 30 स्कूल ?

3. 500 नए स्कूल बनाने का वादा, पांच साल में बनाए सिर्फ 30 स्कूल ?

दिल्ली की जनता से केजरीवाल ने कुल 500 नए स्कूल बनाने का वादा जबकि सिर्फ 30 स्कूल बनाए गए हैं। यही नहीं, मेनिफिस्टों में किए 20 नए डिग्री कॉलेज खोलने का वादा भी अधूरा रहा है, जो अभी तक एक भी नहीं खुला है। शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाली एक गैर सरकारी संस्था प्रजा फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या 2013-14 में 15,92,813 से घटकर 2017-18 में 14,60,675 हो गई।

4. AAP ने 900 मोहल्ला क्लीनिक खोलने का वादा किया था?

4. AAP ने 900 मोहल्ला क्लीनिक खोलने का वादा किया था?

दिल्ली की सत्ता में पहुंचने के लिए केजरीवाल ने दिल्ली के जनता से वादा करते हुए कहा था कि जब उनकी सरकार दिल्ली आएगी तो AAP पूरी दिल्ली में 900 मोहल्ला क्लीनिक खोलेगी, लेकिन अभी तक 100 के करीब ही खोले गए हैं वो भी पिछले ही 6 महीनों के भीतर ही, जब केजरीवाल ने वामन अवतार लिया था। इसी तरह केजरीवाल ने मेनिफेस्टों में दिल्ली के अस्पतालों में 30,000 बेड लाने का वादा किया था, लेकिन 2017-18 में करीब 11,353 बेड ही हैं।

5. 14 लाख घरों को पाइप से पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने का वादा?

5. 14 लाख घरों को पाइप से पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने का वादा?

2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि पांच साल के भीतर दिल्ली में 14 लाख घरों को पाइप से पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनमें वर्तमान में पाइप से पानी का कनेक्शन नहीं है। जबकि दिल्ली के कई इलाकों में पानी की इतनी मारामारी है कि लोगों को वाटर टैंकर मंगाने पड़ जाते हैं। मालूम हो, दिल्ली उच्च न्यायालय ने AAP की, लोगों को 20 किलोलीटर मुफ्त पानी देने की नीति की आलोचना भी की थी। उन्होंने कहा था कि वास्तव में जरूरत के अलावा "कुछ भी मुफ्त नहीं दिया जाना चाहिए"।

5-केजरीवाल ने प्रदूषित यमुना की सफाई का किया था वादा?

5-केजरीवाल ने प्रदूषित यमुना की सफाई का किया था वादा?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में लाए मेनिफेस्टो में आम आदमी पार्टी ने प्रदूषित हो चुकी यमुना की सफाई वादा किया था, लेकिन पिछले पांच साल में यमुना की सफाई काम शुरू नहीं किया जा सका। एक अध्ययन ने चेतावनी दी है कि Water Treatment के बाद भी यमुना के पानी का उपयोग पीने या सिंचाई के लिए नहीं किया जा सकता, यह इतना जहरीला है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंजीनियरिंग साइंसेज एंड रिसर्च टेक्नोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है, "यहां तक ​​कि महंगी जल उपचार तकनीकें प्रदूषित नदी के पानी के ट्रीटमेंट में असमर्थ हैं।"

7. वरिष्ठों, छात्रों व विकलांगों को बसों और मेट्रो में रियायती पास का वादा?

7. वरिष्ठों, छात्रों व विकलांगों को बसों और मेट्रो में रियायती पास का वादा?

AAP ने अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था कि वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और विकलांग व्यक्तियों को बसों और मेट्रो में रियायती पास प्रदान किए जाएंगे। जबकि ये वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। पांच वर्ष बाद Unified Transport Authority निर्णय लागू नहीं किया गया है। वहीं AAP ने पांच वर्षों में 5,000 नई बसों को लाने का वादा किया था, लेकिन महिलाओं के लिए डीटीसी में फ्री सेवा उपलब्ध करवाकर केजरीवाल सारे वादे भूल गए।

8- प्रदूषण में कमी के लिए कम उत्सर्जन वाले ईंधन को प्रोत्साहन का वादा

8- प्रदूषण में कमी के लिए कम उत्सर्जन वाले ईंधन को प्रोत्साहन का वादा

AAP ने कहा था कि प्रदूषण को कम करने के लिए CNG और बिजली जैसे कम उत्सर्जन वाले ईंधन को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। कई अध्ययनों के अनुसार, वाहनों के उत्सर्जन में समग्र वृद्धि हुई। दिल्ली सरकार ने कहा था कि वह कार-पूलिंग को प्रोत्साहित करेगी, इस संबंध में नवंबर 2018 से काम चल ही रहा है। केजरीवाल का वादा था पूरे शहर में 35 लाख पेड़ लगाने का लेकिन, वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2018 तक, प्रशासन ने उत्तर, दक्षिण और पश्चिम क्षेत्रों में 17,115 से अधिक पेड़ों की कटाई की अनुमति दी थी। जबकि, एक आवेदन को अस्वीकार नहीं किया गया था, कई आज भी लंबित हैं।

9. AAP ने पूरे दिल्ली में दो लाख शौचालय बनाने का किया था वादा?

9. AAP ने पूरे दिल्ली में दो लाख शौचालय बनाने का किया था वादा?

वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव मे 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद केजरीवाल मेनिफेस्टों में किए उस वादे को भूल गई, जिसमें उन्होंने वादा था कि AAP पूरे दिल्ली में दो लाख शौचालय बनाएगी। वर्ष 2016-17 के लिए सामाजिक, सामान्य और आर्थिक क्षेत्र नाम के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में कहा गया है कि ढाई साल में एक भी शौचालय का निर्माण नहीं किया गया था।- केजरीवाल जी ने वादा किया था कि हम शहर में प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाएंगे। इसके लिए तो हाहा वाला इमोजी बनता ही है आप सरकार के लिए।

10. महिला सुरक्षा के लिए पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा?

10. महिला सुरक्षा के लिए पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा?

मेनिफेस्टों में किए वादों के बावजूद पूरे पांच वर्ष के अंतराल में दिल्ली में AAP की सरकार पर्याप्त स्ट्रीट लाइट्स लगाने में विफल रही है। पार्टी ने डीटीसी बसों में, बस स्टैंडों पर और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर अपराध को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई थी। इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सरकार ने 47 नए फास्ट-ट्रैक कोर्ट खोलने का वादा किया था जबकि खुले कुछ ही। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, बलात्कार के 706 मामले- लगभग दो प्रति दिन 2012 में दर्ज किए गए थे और 2018 में 2,135 लगभग पाँच प्रति दिन.

11. पांच साल में 8 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का किया था वादा ?

11. पांच साल में 8 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का किया था वादा ?

AAP ने अपने घोषणा पत्र में पांच साल में 8 लाख नौकरियां देने का वादा किया था. AAP सरकार ने पहले दो वर्षों के लिए प्रति वर्ष 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने और अगले तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष 5 लाख युवाओं को शिक्षित करने का इरादा किया था। दिल्ली एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज ने दिल्ली कांग्रेस द्वारा दायर की गयी एक आरटीआई के प्रश्न के उत्तर में कहा, 2016 में 102 लोगों को नौकरी दी गई थी, 2017 में 66 लोगों को और अप्रैल 2018 तक 46 लोगों को नौकरी दी गई थी।

12. AAP ने पूरी दिल्ली को Drug Free Delhi बनाने का किया था वादा?

12. AAP ने पूरी दिल्ली को Drug Free Delhi बनाने का किया था वादा?

AAP ने वादा किया था कि Drug Free Delhi बनाएँगे। जबकि AIIMS के 2018 की एक रिसर्च के अनुसार, दिल्ली ड्रग के खतरे से मुक्त नहीं है। दिल्ली के एक तिहाई बच्चे शराब और ड्रग्स के आदी हैं। अध्ययन में कहा गया है कि डीलर विशेष रूप से स्कूली बच्चों को निशाना बनाते हैं और पूर्वी दिल्ली में हर छह बच्चों में से एक को नशे की लत है। यही नहीं, सब्जियों, फलों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए काले बाजार के संचालन, जमाखोरी और सट्टा व्यापार को रोकने का वादा भी किया गया था। ये तो आप खुद ही सुनिश्चित कर सकते हैं कि कितना पूरा हुआ है।

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English summary
Kejriwal did not take the risk of attacking Prime Minister Modi in any of the electoral campaigns of Delhi Assembly 2020 till now. He is the same Kejriwal who had resigned in 2013 to challenge PM Modi in Varanasi after 49th day of becoming the Chief Minister with the support of Congress. Kejriwal and Party have not only forgotten to attack Prime Minister Modi, but they are pretending to forget those 70 promises.
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