टेरर फंडिंग मामले में बड़ा खुलासा, पाकिस्तान से आए पैसों से कराए जाते हैं प्रदर्शन
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी महिला नेता आसिया अंद्राबी एनआईए की पूछताछ में इस बात को कबूला है कि, वह विदेशी स्रोतों से धन और डोनेशन इकट्ठा कर रही थी, जिसके लिए उसके संगठन दुख्तारन-ए-मिलतहाद ने घाटी में मुस्लिम महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। एनआईए ने मुताबिक, मुस्लिम लीग नेता मसर्रत आलम ने अधिकारियों से बताया कि पाकिस्तान समर्थित एजेंट ने विदेश से पैसे जुटाए और हवाला ऑपरेटर्स के जरिए उसे जम्मू-कश्मीर भेजा।
एनआईए की पूछताछ में मसर्रत आलम ने बताया कि, मसरत आलम जिसे कश्मीर में पत्थरबाज़ों और हिंसक आंदोलन का पोस्टर बॉय कहा जाता है, ने खुलासा किया कि पाकिस्तान स्थित एजेंट हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से धनराशि निकाली, जिसे एपीएचसी (जी के अध्यक्ष सैयद शाह गिलानी सहित दूसरे अलगाववादी नेताओं को हस्तांतरित किया गया था। गिलानी, पाकिस्तान में जम्मू-कश्मीर के विलय का समर्थन करते हैं।
वहीं एनआईए ने कहा कि, दुख्तरान ए मिल्लत की कुख्यात नेता आसिया अंद्राबी से मलेशिया में उसके बेटे की शिक्षा पर हुए खर्च के बारे में पूछताछ की गई तो पता चला कि यह खर्च जहूर वटाली उठाता था, जिसे आतंकवादी वित्त पोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया है। एनआईए वटाली को हवाला के मुख्य वाहकों में से एक बताता है, जो पाकिस्तान से फंड जुटाता है और प्राप्त करता है। एनआईए ने जहूर को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया हुआ है।
National Investigation Agency (NIA) on J&K terror funding case: During interrogation, Asiya Andrabi admitted she had been collecting funds & donations from foreign sources, for which her organisation Dukhtaran-e-Millathad had been organising protests by Muslim women in the valley pic.twitter.com/YoB0TgPhoO
— ANI (@ANI) June 16, 2019
मसर्रत आलम को अलगाववादी नेताओं शब्बीर शाह, आसिया अंद्राबी के साथ और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को कश्मीर घाटी में हिंसा की जांच के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने जमात-उद-दावा, दुखतारन-ए-मिल्लत, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जम्मू-कश्मीर के दूसरे अलगाववादी समूहों के खिलाफ फंड जुटाने को लेकर 20 मई 2017 को एक मामला दर्ज किया था।
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