पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी का दावा, 1971 की जंग के बाद इंदिरा ने लौटाई थी हजारों एकड़ जमीन
नई दिल्ली- पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने एक सनसनीखेज दावा किया है कि 1971 की जंग के बाद इंदिरा गांधी ने इस्लामाबाद के साथ जमीन का समझौता किया था और लड़ाई में पाकिस्तान की कब्जा की हुई जमीन लौटा दी थी। जरदारी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तानी संसद में हुए घमासान के दौरान ये दावा किया है।
जरदारी का चौंकाने वाला दावा
पाकिस्तानी डॉन न्यूज के मुताबिक 1971 की लड़ाई के बाद भारत की ओर से समझौते में जमीन वापस लेने का ये दावा पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने बुधवार को पाकिस्तानी संसद में चर्चा के दौरान किया। इस दौरान आसिफ अली जरदारी ने कहा कि "हमें यह भी महसूस होना चाहिए कि जुल्फीकार अली भुट्टो ने 1971 की जंग के बाद कैसे जमीन वापस ली.....पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी कश्मीर के लिए ही बनाई गई थी। जुल्फीकार अली भुट्टो ने बातचीत के बाद इंदिरा गांधी से जमीन वापस ली थी।" जरदारी ने दावा किया कि ये तब की बात है जब 90,000 पाकिस्तानी युद्ध बंदी (सैनिक) भारत की गिरफ्त में थे। गौरतलब है कि जरदारी उस हजारों एकड़ जमीन के बारे मे दावा कर रहे हैं, जो पाकिस्तान भारत के साथ जंग में हार चुका था।
जरदारी के मुताबिक पाकिस्तान ने ऐसे ली जमीन
जरदारी ने ये भी दावा किया कि इंदिरा को खुफिया जानकारी मिली थी कि भुट्टो पर अपने 90,000 युद्ध बंदियों को छुड़ाने का बहुत ज्यादा दबाव है। इसलिए जब शिमला में वो भुट्टो से मिलीं तो उन्हें लगा कि वे युद्ध बंदियों को छोड़ने की ही मांग करेंगे। तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा ने भुट्टो से कहा कि या तो वे युद्ध बंदी ले लें या अपनी जमीन वापस लें। जरदादी ने अपने ससुर भुट्टो की बुद्धि की सराहना करते हुए दावा किया है कि उन्होंने इंदिरा से समझौते में जमीन मांग ली। क्योंकि, उन्हें पता था कि भारत के लिए जेनेवा कन्वेंशन के हिसाब से पाकिस्तानी सैनिकों को ज्यादा दिनों तक रखना खुद ही भारी पड़ेगा। जरदारी ने ये भी दावा किया कि उनके ससुर ने सोचा की भारत की आर्थिक स्थिति तब ऐसी नहीं थी कि इतने सैनिकों को अपने पास रख सके। इसलिए, वह युद्ध बंदियों को तो खुद ही कुछ समय बाद छोड़ने को मजबूर हो जाएगा।
कश्मीर मुद्दे को बांग्लादेश के उदय से जोड़ा
गौरतलब है कि 1971 की जंग के बाद ही पूर्वी पाकिस्तान का बांग्लादेश के रूप में उदय हुआ था। उस जंग में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान की मदद की थी, क्योंकि पाकिस्तानी फौज भारत के लिए भी खतरा बन गई थी। अब जरदारी ने जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान की इमरान सरकार को घेरने के लिए उसे बांग्लादेश से ही जोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है। उन्होंने पाकिस्तानी संसद में कहा, "पूर्वी पाकिस्तान के अलग होने के बाद कश्मीर दूसरी बड़ी घटना है।" उन्होंने कहा कि, "आप क्या सोचते हैं कि भारत को पता नहीं है कि पाकिस्तान में अभी किस तरह का बनावटी लोकतंत्र है?" क्या उन्हें यहां की आर्थिक स्थिति के बारे में पता नहीं है?
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