महाराष्ट्र: तीन दिन बाद भी नहीं हो पाया विभागों का बंटवारा, अब CM लेंगे अंतिम फैसला
नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को तीन दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन आज भी विभागों के बंटवारे को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। गुरुवार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस बैठक हुई। मीटिंग खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने बताया कि बंटवारे से जुड़े जो भी मुद्दे थे उनका समाधान हो गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास प्रस्ताव भेज दिया गया है शुक्रवार को वह फैसला करेंगे।
आज मुख्यमंत्री ले सकते हैं बड़ा फैसला
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने 30 दिसंबर को अपने मंत्रिमंडल का पहला विस्तार किया। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के 36 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली लेकिन अभी तक विभाग नहीं बांटे गए। कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण ने बताया कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की पोर्टफोलियो के बंटवारे को लेकर बैठक खत्म हो गई है। पोर्टफोलियो के बंटवारे से जुड़े जो भी मुद्दे थे उनका समाधान हो गया है। हमने अपना प्रस्ताव सीएम को भेज दिया है। वह इस पर शुक्रवार को फैसला करेंगे।
विभागों के बंटवारे को लेकर उलझा गठबंधन
कहा जा रहा है कि विभागों के बंटवारे को लेकर तीनों उलझ गए हैं, जिसके चलते इसमें देरी हो रही है। सोमवार को विधान भवन में 36 मंत्रियों के शपथ लेने के बाद अब उद्धव ठाकरे का कुल 43 मंत्रियों वाला मंत्रिमंडल तैयार हो चुका है। महाराष्ट्र सरकार में सीएम को जोड़कर शिवसेना के 15 मंत्री हैं। एनसीपा के 16 मंत्रियों ने शपथ ली है। तीसरे सहयोगी कांग्रेस के 12 मंत्री हैं।
Maharashtra:Shiv Sena,NCP&Congress meeting over portfolio distribution has concluded.Congress' Ashok Chavan says,"Whatever few issues were there regarding portfolio distribution have been resolved.We've sent our proposal to Chief Minister,decision will be taken by him tomorrow" https://t.co/lsPn5OHTfF pic.twitter.com/AbITX9BPVo
— ANI (@ANI) January 2, 2020
कैबिनेट विस्तार के बाद शुरू हुई कलह
बता दें कि सोमवार को महाराष्ट्र में हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही तीनों दलों के विधायकों की नाराजगी की खबरें आनी शुरू हुई थी। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 56 और एनसीपी के 54 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस विधायकों की संख्या 44 है। इस बीच मंत्री पद नहीं मिल पाने के वजह से शिवसेना के 11 से ज्यादा एमएलए-एमएलसी नाराज बताए जा रहे हैं। इनमें कम से कम 11 तो एमएलए बताए जा रहे हैं, जो मंत्री नहीं बनाए जाने पर असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। इनमें से दो ने तो खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर भी की है।
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