धमकी के बावजूद स्कूटी से कोर्ट जाता था रेप पीड़िता का वकील, आसाराम को सजा दिलाकर ही लिया दम
नई दिल्ली। नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम ने खुद को बचाने के लिए बहुत कोशिशें की। उसने इस केस के लिए वकीलों की फौज उतार दी थी, जिसमें कई बड़े और नामी वकील शामिल थे। इन वकीलों के सामने पीड़िता की ओर से जो वकील थे वो उतने बड़े और नामी नहीं थे। उन्होंने इस केस के लिए पीड़ित परिवार से कोई पैसे नहीं लिए। उन पर इस केस से हटने के लिए दबाव तक बनाया गया। उन्हें पैसों का लालच दिया गया, डराया-धमकाया गया। इन सबके बावजूद उन्होंने पीड़िता का केस नहीं छोड़ा। आइये जानते हैं पीड़िता के वकील के बारे में, जिन्होंने आसाराम को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
पूनम चंद सोलंकी ने लड़ा पीड़िता का केस
आसाराम के खिलाफ पीड़िता के लिए शुरू से अंत तक जिन्होंने इस केस की पैरवी की उनका नाम पूनम चंद सोलंकी है। जानकारी के मुताबिक जोधपुर के रहने वाले पूनम चंद सोलंकी ने पीड़िता से बिना पैसा लिए इस मामले को पैरवी की। जहां आसाराम की ओर से कई बड़े वकील उतरे, वहीं पीड़िता की ओर से पूनम चंद सोलंकी ने ही पूरा केस अकेले लड़ा। आपको बता दें कि सोलंकी स्कूटी से कोर्ट आते-जाते थे।
केस छोड़ने के लिए मिली धमकी
जानकारी के मुताबिक कई बार वकील पूरन चंद सोलंकी पर केस छोड़ने को लेकर पैसों का लालच दिया, इतना ही नहीं उन्हें धमकियां भी मिली। खुद पीसी सोलंकी ने इस बात को बताया, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इन सब बातों की उन्होंने कभी परवाह नहीं की। हालांकि अब मामले में आसाराम को सजा मिलने के बाद उन्होंने कहा कि मुझे संतुष्टि मिल गई है।
2014 से केस की कर रहे थे पैरवी
बता दें कि पूनम चंद सोलंकी जनवरी 2014 में आसाराम के खिलाफ इस केस से जुड़े थे। उसी वक्त से वो लगातार इस केस की पैरवी कर रहे हैं। पीसी सोलंकी ने खुद बताया कि इस केस के लिए उन्होंने पीड़ित परिवार से कोई फीस या फिर पैसा नहीं लिया। सोलंकी के मुताबिक जब दिल्ली में सुनवाई होती थी तो वो खुद के खर्च सुनवाई के लिए पहुंचते थे।