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बिहार भाजपा का वोटबैंक मजबूत करेंगे असाउद्दीन ओवैसी

By Ajay Mohan
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[अजय मोहन] हेडलाइन पढ़ते ही आप सोच में पड़ गये होंगे कि बिहार में उलटी गंगा कैसे बहने लगी? अरे भाई गंगा मैया तो सीधी दिशा में ही बह रही हैं, हां यह जरूर है कि बिहार की चुनावी चौसर में मजलिस-ए-इतेहदुल मुस्ल‍िमीन (एमआईएम) के चीफ असाउद्दीन ओवैसी की चाल उलटी पड़ने वाली है। जी हां ओवैसी की बिहार चुनाव में एंट्री सीधे तौर पर भाजपा के लिये फायदेमंद होने वाली है।

कैसे होगा यह? उसका भी सीधा जवाब है। ओवैसी का सीधा मकसद बिहार का मुस्लिम वोटबैंक है। जाहिर है हिंदुओं और खास कर आरएसएस व नरेंद्र मोदी के विरुद्ध आग उगलने के लिये फेमस ओवैसी बिहार में भी हिंदू-विरोधी बयानबाजी जरूर करेंगे। खैर बयानबाजी करें न करें, उनके पुराने बयान ही हिंदुअों को खास कर मोदी सपोर्टर्स को घाव की तरह चुभते हैं। ऐसे में ओवैसी को हराने के लिये बिहार के हिंदू अब एक हो जायेंगे।

फैक्टर जो बिहार में ओवैसी की वजह से भाजपा को मजबूत करेंगे

  • बिहार में 81 प्रतिशत हिंदू हैं। ओवैसी चुनाव में जितनी आग उगलेंगे, उतने ही ज्यादा इनकी एकता भाजपा के लिये बढ़ेगी।
    चूंकि ओवैसी मुसलमानों के बीच कट्टरवादी बातें करेंगे, जिसका प्रभाव हिंदुओं पर पड़ेगा और आरएसएस कार्यकर्ता उसे और मजबूती प्रदान करेंगे।
  • बिहार में मात्र 16 फीसदी मुसलमान हैं, लिहाजा ओवैसी भाजपा के वोटबैंक का कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेंगे। हां किशनगंज जैसे कुछ जिलों में जरूर प्रभाव पड़ेगा।
  • नीतीश-लालू के वोट भी कट भाजपा के खाते में जायेंगे। इसकी वजह सिर्फ यही है कि ये दोनों नेता विशेष धर्म और जाति के भरोसे चुनाव जीतना चाहते हैं।

भाजपा को मजबूती देगा पासवान फैक्टर

बिहार चुनाव में एनडीए सरकार में मजबूत जगह प्राप्त कर चुके राम विलास पासवान की पार्टी भी बड़ी भूमिका अदा करने वाली है। महादलित वोट को खींचने का काम यही पार्टी करेगी। यह वो वर्ग है, जो जीतन राम माझी के बैड एपिसोड की वजह से नीतीश कुमार से पहले ही खफा है। कांग्रेस अभी इतनी मजबूत नहीं हुई है, कि महादलित वर्ग का वोटबैंक हासिल कर सके। ऐसे में भाजपा इन लोगों के लिये एक बड़े विकल्प के रूप में आगे आयेगी।

पूर्वांचल का फॉर्मूला

ओवैसी के रूप में यूपी का फॉर्मूला दोहरा सकता है? वो ऐसे कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को पता था कि मुस्ल‍िम वोट तो आने से रहा, ऐसे में अगर हिंदुओं को एक जुट कर लिया जाये तो काम बन जायेगा। ऐसे में डा. मोहम्मद अयूब की पीस पार्टी ऑफ इंडिया जब आयी तो पूर्वांचल के हिंदू सिर्फ इसलिये एकजुट हो गये, ताकि इस पार्टी को हराया जा सके। कहा जाता है कि पीस पार्टी की फंडिंग योगी आदित्यनाथ ने की थी, हालांकि इस बात के पुख्ता सबूत अभी तक नहीं मिले हैं, लेकिन अगर इस बात में जरा भी सच्चाई है, तो बिहार चुनाव में बिना फंडिंग के ही पूर्वांचल का फार्मूला ओवैसी के रूप में अप्लाई हो सकता है।

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English summary
Asaduddin Owasi will fight Bihar assembly poll. This means indirectly he will strengthen the votebank of BJP in Bihar.
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