महाराष्ट्र के संकट में किसका समर्थन करेंगे AIMIM के दो विधायक, ओवैसी ने किया खुलासा
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'महाराष्ट्र में एआईएमआईएम के दो विधायक हैं और ये दोनों विधायक...
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के 19 दिन बाद भी सरकार गठन को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। शिवसेना और भाजपा के बीच सीएम पद को लेकर चली लंबी तकरार के बाद, शिवसेना एनडीए से अलग हो गई है और केंद्र में पार्टी के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। अब शिवसेना सरकार बनाने के लिए एनसीपी के भरोसे है और एनसीपी कांग्रेस के भरोसे। राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए एनसीपी को मंगलवार रात 8:30 बजे तक का समय दिया है। इस बीच एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने खुलासा किया है कि महाराष्ट्र के संकट के बीच उनकी पार्टी के दो विधायक किसका समर्थन करेंगे।
'आप जिसका हाथ पकड़ें वह सेक्युलर?'
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'महाराष्ट्र में एआईएमआईएम के दो विधायक हैं और हम शिवसेना-कांग्रेस की सरकार का समर्थन नहीं करेंगे। इस संबंध में एक पत्र महाराष्ट्र के राज्यपाल को जल्द ही भेज दिया जाएगा।' ओवैसी ने आगे लिखा, 'कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस कब तक सेक्युलरिज़्म का सर्टिफिकेट बांटने की दुकान चलाएंगे। आप जिसका हाथ पकड़ें वह सेक्युलर? यही मुनाफ़िक़त की मजलिस मुखालिफत करते आ रही है। हम जानते हैं कि शिवसेना की सोच क्या है, हम जानते हैं कि भाजपा की सोच क्या है, ये दोनों भाजपा और शिवसेना हिंदुत्व को मानने वाले हैं और ये कभी नहीं बदलने वाले।'
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महाराष्ट्र में किसके पास, कितने विधायक
आपको बता दें कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन चाहिए। महाराष्ट्र में इस समय भाजपा के पास 105, शिवसेना के पास 56, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। ऐसे में अगर शिवसेना सरकार बनाने के लिए एनसीपी को साथ लेती है तो उसे कांग्रेस के समर्थन की भी जरूरत पड़ेगी। सोमवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद पार्टी की तरफ से बयान आया कि वो महाराष्ट्र में सरकार की स्थिति को लेकर अभी चर्चा कर रहे हैं और इसपर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं, एनसीपी ने मंगलवार को बयान दिया कि कांग्रेस की वजह से महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी हो रही है।
शिवसेना के समर्थन पर कांग्रेस ने नहीं खोले पत्ते
गौरतलब है कि एनसीपी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर फाइनल फैसले की जिम्मेदारी सौंपी है। सोमवार को दिल्ली में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं की कई बैठकें हुई। बैठक में अहमद पटेल, एके एंटनी समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए। हालांकि मंगलवार सुबह तक भी शिवसेना के समर्थन को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं। दूसरी ओर सोमवार शाम को महाराष्ट्र में शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने राजभवन पहुंचे। राज्यपाल ने सोमवार शाम 7.30 से पहले शिवसेना को सरकार गठन पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। इसी के तहत शिवसेना नेता राज्यपाल से मिले।
राज्यपाल ने शिवसेना को और समय देने से किया इंकार
राज्यपाल से मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने बताया कि शिवसेना ने सरकार के लिए दो दिनों का समय मांगा था। हमने बताया कि हमारी दूसरे दलों से बात हो रही है लेकिन राज्यपाल ने समय देने से इनकार कर दिया। आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम अभी भी सरकार बनाना चाहते हैं। दूसरी ओर खुद सोनिया गांधी ने जयपुर होटल में रुके हुए महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों से भी बात की। वहीं, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात की। हालांकि, पार्टी ने अभी तक शिवसेना को समर्थन की चिट्ठी नहीं दी है।