CM योगी पर तंज कसते हुए डॉ कफील के समर्थन में उतरे ओवैसी, बोले- डॉक्टर नहीं, 'ठोक देंगे' वाले हैं खतरा
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने डॉक्टर कफील खान का समर्थन करते हुए यूपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने खान पर लगाए गए रासुका की निंदा की और ट्वीट करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक डॉक्टर नहीं, बल्कि 'ठोक देंगे' जैसे बयान देने वाले खतरा हैं। ओवैसी ने अपने ट्वीट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा है।
क्या बोले ओवैसी?
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार दलितों, मुस्लिमों और विरोधियों को परेशान करने के लिए उनके खिलाफ रासुका का इस्तेमाल कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक डॉक्टर खतरा नहीं है। एक मुख्यमंत्री जो 'ठोक देंगे' और 'बोली नहीं तो गोली' जैसे बयान देता है, वह पक्का राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।'
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डॉक्टर कफील ने दिया था भड़काऊ भाषण
जानकारी के लिए बता दें नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रदर्शन हो रहा था। इसी दौरान कथित तौर पर डॉक्टर कफील खान ने भड़काऊ भाषण दिया था। अब मथुरा जिला कारागार में कैद डॉ कफील खान की जमानत पर शुक्रवार को रिहाई से पहले ही उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया गया है। खान को मुंबई हवाई अड्डे से उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 29 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
12 दिसंबर को मामला दर्ज हुआ था
खान पर मथुरा के जिला कारागार से शुक्रवार को रिहा होने से पहले ही उनपर रासुका लगा दिया गया है। इससे पहले 10 फरवरी को अलीगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें जमानत पर रिहा किए जाने के लिए आदेश दिया था। बता दें डॉक्टर कफील खान के खिलाफ सीएए के प्रदर्शन के दौरान बीते साल 12 दिसंबर को कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के सिलसिले में अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज किया गया था।
डॉक्टर कफील खान के भाई ने क्या कहा?
मामले में डॉक्टर कफील खान के भाई अदील अहमद ने बताया, 'जिस तरह से रिहाई में देरी की जा रही थी, उससे हमें पहले से ही आशंका थी कि राज्य सरकार उन पर रासुका लगा सकती है। उन्हें शुक्रवार सुबह 6 बजे रिहा किया जाना था। मेरे भाई कशीफ वकील के साथ जेल पहुंचे लेकिन सुबह 9 बजे तक जेल में पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई और हमें कहा कि उनपर रासुका लगाया गया है। ये कार्रवाई गैरकानूनी है। अब हम उच्च न्यायालय जाएंगे, जहां इस आदेश को निरस्त किया जाएगा।'
जेल अधीक्षक ने क्या कहा?
वहीं जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय का कहना है कि डॉक्टर कफील खान की रिहाई का आदेश गुरुवार देर शाम मिला था। इसलिए शुक्रवार को उनकी रिहाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही उनके खिलाफ रासुका लग गया। जिसके अनुसार उन्हें रिहा करना संभव नहीं था। इससे पहले डॉक्टर कफील खान अगस्त, 2017 में विवादों में आए थे। तब गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। फिर मामले में करीब 2 साल तक जांच चली और उन्हें बरी कर दिया गया।
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