असदुद्दीन ओवैसी बोले- किसी जनेऊधारी नेतृत्व की जी हुजूरी के लिए पैदा नहीं हुए
हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा गया कि हम किसी जनेऊ धारी नेतृत्व की जी हुजूरी करने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। डर से ऊपर उठें। अपने लिए वोट दें। इस वीडियो में कांग्रेस के कई नेताओं की बात की गई है।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्ववीट कर की ये अपील
हैदराबाद से सांसद औवेसी ने एक वीडियो ट्वीट कर लिखा कि हम किसी जनेऊ धारी नेतृत्व की जी हुजूरी करने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। डर से ऊपर उठें। अपने लिए वोट दें। हैशटैग #बहुतहुईजीहुजूरी के साथ ये वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में कांग्रेस पर हमला भी बोला गया है। ओवैसी द्वारा शेयर किए गए वीडियों में बड़े दलों के मुस्लिम नेताओं पर सवाल उठाए गए हैं।
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वीडियों में कांग्रेस पर हमला
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी द्वारा शेयर किए गए वीडियों में कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं का संदर्भ दिया गया है। इस वीडियों में काग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद कह रहे हैं कि उनकी पार्टी के दामन पर मुसलमानों के खून के दाग हैं। वहीं राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद को लेकर इस वीडियो में कहा गया है कि उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के गैर मुस्लिम नेता उन्हें अपने चुनाव प्रचार में नहीं बुलाते हैं। उनके साथ हिंदू नेताओं द्वारा भेदभाव किया जाता है। उन्हें डर लगता है कि मुझे बुलाने से कहीं उनके हिंदू वोट ना कट जाएं।
कांग्रेस को बाबरी के लिए ठहराया जिम्मेदार
इस वीडियो में आगे कहा गया है कि कांग्रेस खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा हमदर्द बताती है। इसके लिए पार्टी हमेशा कुछ मुसलमान चेहरों को जगह देती है। इसमें कांग्रेस को बाबरी मस्जिद विध्वंस, भागलपुर और हाशिमपुरा दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इस वीडियों में आगे सवाल उठाया गया है कि कांग्रेस के मुसलमान नेताओं ने अपने समुदाय पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए क्या कदम उठाया है।
कांशी राम और अंबेडकर का भी जिक्र
इस वीडियो में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के एक प्रमुख बयान का जिक्र करते हुए बताया गया है कि सुरक्षित सीटों से जीत कर आए दलितों के प्रतिनिधि संसद में मुंह खोलते तो सिर्फ जम्हाई लेने के लिए। वहीं बसपा के संस्थापक कांशी राम के बारे में उनकी किताब का हवाला देते हुए कहा गया है कि उन्होंने दलितों पर अपने समुदायों के हितों की अनदेखी और ताकवतर नेताओं के चापलूसी करने की बात कही थी।
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