NRC की फाइनल लिस्ट जारी होने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कही ये बड़ी बात
नई दिल्ली। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में 3.11 करोड़ लोगों को जगह दी गई है, जबकि असम में रहने वाले 19.06 लाख लोग इससे बाहर रखे गए हैं। एनआरसी की अंतिम लिस्ट सामने आने के बाद इस पर सियासत गरमाने लगी है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को सबक सीखना चाहिए। उन्हें हिंदुओं और मुसलमानों के संदर्भ में पूरे देश में NRC के लिए पूछना बंद कर देना चाहिए।
'असम में जो हुआ है, बीजेपी को उससे सीखना चाहिए'
AIMIM के मुखिया और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'असम में जो हुआ है, बीजेपी को उससे सीखना चाहिए। अवैध प्रवासियों के तथाकथित मिथक का भंडाफोड़ हुआ है।' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे शक है कि नागरिक संशोधन विधेयक के माध्यम से बीजेपी एक बिल ला सकती है जिसमें वे सभी गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की कोशिश कर सकते हैं, जो फिर से समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा।'
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ओवैसी ने मोहम्मद सनाउल्लाह का किया जिक्र
ओवैसी ने आगे कहा, 'असम में कई लोगों ने मुझे बताया कि लिस्ट में उनके माता-पिता के नाम शामिल हैं, लेकिन उनके बच्चों के नाम शामिल नहीं हैं। उदाहरण के लिए, मोहम्मद सनाउल्लाह, उन्होंने सेना में सेवा की है। उनका मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। मुझे यकीन है कि उन्हें भी न्याय मिलेगा।' इसी के साथ ओवैसी ने बीजेपी से सवाल किया है कि भारतीय जनता पार्टी पहले दावा कर रही थी कि राज्य में 40 लाख से ज्यादा अवैध पलायनकर्ता हैं, तो अब सिर्फ 19 लाख कैसे रह गए।
NRC लिस्ट में 3.11 करोड़ लोगों को जगह
इस मामले पर कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक ने कहा, 'एनआरसी की अंतिम सूची जारी किए जाने के लिए मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। हालांकि, मैं पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि कई वास्तविक भारतीय नागरिकों के नाम छूट गए हैं। मैं सरकार से विदेशी ट्रिब्यूनल के गठन की समीक्षा करने की अपील करता हूं।' इस बीच दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली में भी एनआरसी की मांग उठाई है।