दिल्ली हिंसा पर बोले ओवैसी- सदन में बहस हो, संसद दरवाजे बंद नहीं कर सकती
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि दिल्ली हिंसा पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि जो हुआ है वो सब देख रहे हैं। ऐसे समय में जब कोर्ट में मामले की सुनवाई टल गई है तो संसद अपने दरवाजे बंद नहीं कर सकती। सदन में इसको लेकर बहस होनी चाहिए।
असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार दोपहर ट्वीट कर कहा, हाल ही में लोकसभा स्पीकर की ओर से बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग से आया हूं। 2002 में गुजरात में हुए दंगों पर संसद में चर्चा हुई थी और एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल मौके पर भेजा गया था। अब सरकार दिल्ली हिंसा पर लोकसभा में चर्चा का विरोध कर रही है, उसका तर्क है कि ये अमन वापसी में बाधा बनेगी। मीडिया में लगातार खबरें हैं कि दिल्ली में क्या हो रहा है। पीड़ितों की के डर और चिंताओं को दूर करने के लिए एक मंच की आवश्यकता है। अदालतें इन मुद्दों को लंबित रखती रही हैं। ऐसे में संसद अपने दरवाजे बंद नहीं कर सकती।
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में 24-25 फरवरी को हुए दंगों में 47 लोगों की मौत हो चुकी है। 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। 2 मार्च से बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुई है। विपक्ष की मांग है कि दिल्ली दंगों पर चर्चा हो। ऐसे में सोमवार को सदन के दोनों सदनों में हंगामा हुई, मंगलवार को भी ये जारी है।
सांसद असदुद्दीन ओवैसा लगातार दिल्ली हिंसा पर बोल रहे हैं। ओवैसी ने दिल्ली में हुए दंगों को लक्षित और संगठित हिंसा कहा है। ओवैसी ने रविवार को कहा, भाजपा नेताओं के भाषण की वजह से हिंसा हुई। पूरी योजना और तैयारी के साथ सांप्रदायिक हिंसा हुई। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री ने 2002 के गुजरात दंगों से सबक लिया होगा और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं हों।
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