घर पर हमले के बाद बीजेपी पर भड़के ओवैसी, कहा- हत्या की दी गई धमकी, क्या संदेश देना चाहते हैं शाह?
नई दिल्ली, 22 सितंबर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नई दिल्ली स्थित आवास पर मंगलवार को तोड़फोड़ हुई। जिसका आरोप हिंदू सेना पर लगा है। साथ ही पुलिस ने उसके 5 सदस्यों को गिरफ्तार भी किया। घटना के बाद ओवैसी केंद्र सरकार और बीजेपी पर भड़के। साथ ही दोनों को इस घटना के लिए जिम्मेदार बताया। उनका आरोप है कि आरोपियों ने तोड़फोड़ के दौरान उनकी हत्या करने की धमकी दी थी।
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घटना के बाद ट्वीट करते हुए ओवैसी ने लिखा कि आज कुछ उग्रवादी गुंडों ने मेरे दिल्ली के मकान पर तोड़-फोड़ की। इनकी बुजदिली के चर्चे तो वैसे ही आम हैं। हमेशा की तरह, इनकी वीरता सिर्फ झुंड में ही दिखाई देती है। वक्त भी ऐसा चुना जब मैं घर पर नहीं था। गुंडों के हाथों में कुल्हाड़ियां और लकड़ियां थीं। उन्होंने घर पर पहुंचकर पत्थरबाजी की। सांसद के मुताबिक आरोपियों ने उनकी नेम प्लेट तोड़ दी। साथ ही वहां पर काम करने वाले राजू से मारपीट की। राजू उनके साथ 40 साल से जुड़े हैं।
ओवैसी ने आगे बताया कि तोड़फोड़ के दौरान सांप्रदायिक नारे लगाए गए और उनकी हत्या की धमकी दी गई। जिस वजह से राजू के घर में रहने वाले छोटे बच्चे घबराए हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिस भीड़ ने उनके घर पर हमला किया, उसमें कम से कम 13 लोग थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने 5-6 को ही पकड़ा है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली पुलिस बाकियों पर भी कार्रवाई करेगी।
सांसद के मुताबिक उनके घर पर ये तीसरा हमला था। पिछली बार जब ऐसा हुआ था, तो राजनाथ सिंह बतौर गृहमंत्री उनके पड़ोसी थे। इसके अलावा घर के पास ही निर्वाचन सदन और ठीक सामने पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना है। प्रधानमंत्री का आवास भी उनके यहां से सिर्फ 8 मिनट की दूरी पर है। उन्होंने कई बार पुलिस को बताया कि उनके घर को निशाना बनाया गया है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर एक सांसद का घर नहीं सुरक्षित तो बाकि शहर के लोग कैसे सुरक्षित रहेंगे।
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गृहमंत्री पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि अमित शाह क्या संदेश देना चाहते हैं। दुनिया को कट्टरता से लड़ने का पाठ पढ़ाने वाले प्रधानमंत्री बताएं कि मेरे घर को किस कट्टरपंथी ने निशाना बनाया? अगर इन कट्टरपंथियों को लगता है कि हम उनके डर के चुप बैठ जाएंगे तो वो मजलिस को नहीं जानते। इंसाफ के लिए हमारी लड़ाई हमेशा जारी रहेगी।