असदुद्दीन ओवैसी का आरोप- NRC का ही दूसरा रूप है NPR, गुप्त रूप से लागू कर रही है मोदी सरकार
नई दिल्ली। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) का देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध हो रहा है। वहीं कई गैर भाजपा शासित राज्यों ने एनआरसी को लागू करने से मना कर दिया है। मंगलवार को एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी एनआरसी को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। ओवैसी ने कहा कि नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के रूप में मोदी सरकार ने एनआरसी की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है। एनपीआर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस का ही छोटा भाई है।
NRC का ही दूसरा रूप है NPR
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। दोनों ही एक्ट के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए। वहीं दूसरी तरफ नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने के लिए भी केंद्रीय कैबिनेट अनुमति दे सकता है। इन अटकलों के बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एनपीआर को एनआरसी का ही दूसरा रूप बताया है। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर की आड़ में गुप्त रूप से एनआरसी लागू कर रही है।
ट्वीट में लगाया यह आरोप
ओवैसी ने मोदी सरकार पर यह आरोप ट्वीट कर लगाया है, उन्होंने लिखा कि एनपीआर एनआरसी का पहला चरण है जिसे हम भारतीय नागरिक रजिस्टर का दूसरा नाम कह सकते हैं। ओवैसी ने आगे लिखा कि, हमें एनपीआर और एनआरसी के बीच संबंध समझने की जरूरत है। भारत में रह रहे नागरिकों का मिलान है एनपीआर, इसमें नागरिकता कानून 2003 के तहत भारत के मूल नागरिक और गैर नागरिकों को अलग कर के एनआरसी के पेश किय जाएगा।
NPR is first step of the National Register of Indian Citizens, which is the other name of nation-wide NRC.
It’s important to understand the link between NPR & NRC [1/n] https://t.co/TBCyBTioZp
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 23, 2019
मूल और गैर नागरिकों को किया जाएगा अलग
अपने ट्वीट में ओवैसी ने सरकार से पूछा है कि वह मूल नागरिकों और गैर नागरिकों का बंटवारा कैसे कर सकती है? उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले एक सरकारी अधिकारी लिस्ट को वेरिफाई करेगा और देश के मूल निवासियों को अलग करेगा। इसके बाद वह संदिग्ध नागरिकों को छांट कर नई सूची में डालेगा, इन सभी लोगों को एनआरसी के तहत अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। इसके बाद एक फाइनल सूची जारी की जाएगी लेकिन अगर आप समझते हैं कि उसमें नाम आने से आप भारतीय हो जाएंगे तो यह गलत है।