सीएम भूपेश बघेल के आदेश पर हटी राजद्रोह की धारा, कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बिजली की कटौती के विरोध में सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने वाले मांगीलाल अग्रवाल पर राजद्रोह का केस दर्ज करने के मामले में पुलिस ने यू-टर्न ले लिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस महानिदेशक से नाराजगी जताई है,और मामले को वापस लेने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोगों का अधिकार है और हम इसके प्रबल पक्षधर है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्य पूर्व की सरकार की परम्परा रही है। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रबल पक्षधर है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोगों से भी अपील की है वो अभिव्यक्ति के दौरान संयम बरते। उन्होंने राजद्रोह के मामले को तत्काल वापस लेने तथा भविष्य में इस तरह की घटना न हो इसका विशेष ध्यान रखने के निर्देश संबंधितों को दिए है।
जानिए क्या था पूरा मामला
दरअसल सोशल मीडिया के अलग-अलग माध्यम से छत्तीसगढ़ के कई जगहों में बिजली कटौती को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने वाले आरोपी के खिलाफ छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी ने कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। कंपनी ने अपने एफआईआर में कहा था कि मेंटेनेंस के दौरान या मौसम क्षति सहित अन्य कारणों से कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति बंद होने को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से एक व्यक्ति के द्वारा भ्रामक जानकारी फैलाकर इसे सरकार और इनवर्टर कंपनी से सांठगांठ बताते हुए सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel: As soon as I had received info, I had expressed displeasure that it should not have been done. But I would also like to say that nobody should misuse social media to spread rumours, there are separate laws for it, action should be taken as per them https://t.co/IEAhc1uF53
— ANI (@ANI) June 15, 2019
वहीं एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस उस वीडियो की पड़ताल में जुट गई और पुलिस ने अपने विवेचना के दौरान डोंगरगढ़ के मुसरा का रहने वाला 53 वर्षीय मांगीलाल अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। कंपनी के विधि सलाहकार के माध्यम से हुए एफआईआर में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 और 505 के तहत राजद्रोह का मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की जा रही है।