नाथूला रास्ते से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चीन ने लगाई रोक, गंगटोक में फंसे श्रद्धालु
जानकारी के मुताबिक जबतक यह मामला सुलझेगा नहीं तबतक इस रास्ते से फिलहाल और जत्थों को नहीं भेजा जाएगा।
गंगटोक। कैलाश मानसरोवर यात्रा में चीन ने फिर बांधा पहुंचाया है। चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों के दो जत्थों को नाथूला-पास से आगे नहीं बढ़ने दिया है। इसके चलते यात्रियों को दो दिनों तक वहीं इंतजार करना पड़ा। उसके बाद भी जब चीन द्वारा गेट नहीं खोला गया तो यात्रियों को नाथूला-पास से गंगटोक बुलाया गय है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने डोकालाला इलाके में भारत के बंकरों में तोड़फोड़ भी की है।
इससे वहां तनाव पैदा हो गया है। भारत ने करीब 10 दिन पहले ही इन बंकरों को रिपेयर किया था। इस बारे में न तो सेना और न आईटीबीपी कुछ कहने को तैयार है। यह स्थान भारत, चीन और भूटान का ट्राई-जंक्शन है। तनाव की स्थिति में श्रद्धालुओं को गंगटोक लाया गया है। फिलहाल गंगटोक में करीब 100 तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक जबतक यह मामला सुलझेगा नहीं तबतक इस रास्ते से फिलहाल और जत्थों को नहीं भेजा जाएगा।
एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक नाथुला के रास्ते जाने वाले तीर्थयात्रियों में ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक हैं। उनके मुताबिक नाथुला के रास्ते से कैलाश तक का रास्ता सड़क मार्ग से बसों के द्वारा पूरा किया जाता है। इसके बाद केवल लगभग कैलाश की 38 किमी की परिक्रमा ही शेष रह जाती है। नाथुला से वापस बुलाए गए तीर्थ यात्रियों को उत्तराखंड के रास्ते यात्रा पर भेजा जाना फिलहाल मुमकिन नहीं है क्योंकि यहां पर पहले से ही काफी वेटिंग चल रही है।
चीन के वाहन से कैलाश तक जाते हैं तीर्थयात्री
आपको बता दें कि यह रास्ता भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए 2015 मे खोला गया था। नाथूला पास को पार करने के बाद यात्रियों को चीन के वाहन से कैलाश तक ले जाया जाता है। उल्लेखनीय है कि चीन ने यह हरकत ऐसे समय की है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं।