पीएम मोदी की राह पर सीएम केजरीवाल, रिटायरमेंट देने के लिए तैयार करा रहे भ्रष्ट अफसरों की सूची
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को एलजी अनिल बैजल के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करते हुए केजरीवाल ने भी इस बैठक में दिल्ली सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों के जल्द से जल्द रिटायरमेंट के मुद्दे पर बात की। इस बैठक के बाद केजरीवाल ने कैबिनेट को सदस्यों को अलग अलग विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार करने को कहा है। इन अधिकारियों को तुरंत रिटायरमेंट लेना पड़ सकता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र सरकार की राह पर केजरीवाल
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम के मौलिक नियम 56 (J) 1972 के तहत इस तरह के अधिकारियों के रिटायरमेंट की केंद्र सरकार की पहल के साथ दिल्ली सरकार भी ये करने जा रही है। केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव से भी इस बारे में चर्चा की है।
भ्रष्टाचार पर केजरीवाल की जीरो टॉलरेंस की नीति
अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति बनाई थी। अपने 49-दिवसीय कार्यकाल के दौरान, जो 2013-14 में दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल था, उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे। केजरीवाल की सरकारी का मानना है कि इस तरह के अधिकारी आम जन के लाभ की स्कीम को अपने फायदे के लिए खराब करते हैं।
जन कल्याण योजनाओं को बर्बाद करते हैं भ्रष्ट अधिकारी
सरकारी को कई ऐसे मामले देखने को मिले हैं जह अधिकारियों ने बेतुका कारण देकर जन कल्याण की पॉलिसी को लागू करने से इंकार कर दिया। हालांकि, एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) जैसी एजेंसियों की कमी के चलते दिल्ली सरकार केवल दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाने में सक्षम रही है। हालांकि उपराज्यपाल इसपर कोई सीधा कदम नहीं उठा सकते
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