5 साल में कितनी बढ़ी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की संपत्ति? जानिए
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नामांकन के आखिरी दिन अपना पर्चा दाखिल किया। हालांकि, इसके लिए उनको करीब सात घंटे इंतजार करना पड़ा। नामांकन के आखिरी दिन कई उम्मीदवारों के पहुंचने के कारण नामांकन केंद्र पर टोकन मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल को करीब 7 घंटे तक इंतजार करना पड़ा था। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। आइए, जानते हैं कि पांच सालों में दिल्ली के मुख्यमंत्री की संपत्ति में कितना इजाफा हुआ है।
2015 में अरविंद केजरीवाल की संपत्ति 2.1 करोड़ थी
नामांकन के दौरान चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में अरविंद केजरीवाल ने बताया है कि साल 2015 से उनकी संपत्ति में 1.3 करोड़ रु का इजाफा हुआ है। हलफनामे के मुताबिक, साल 2015 में अरविंद केजरीवाल की संपत्ति 2.1 करोड़ थी, जबकि अभी उनके पास 3.4 करोड़ रु की संपत्ति है। इसमें बताया गया है कि उनके पास जो अचल संपत्ति है उसके मार्केट वैल्यू में इजाफा हुआ है।
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संपत्ति में 1.3 करोड़ रु का इजाफा
अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के पास 2015 में नकदी और सावधि जमा (एफडी) 15 लाख रुपए थी, जो साल 2020 में बढ़कर 57 लाख रुपए हो गई है। पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि वीआरएस के तौर पर सुनीता केजरीवाल को 32 लाख रुपए और एफडी मिले बाकि उनका बचत धन है। वहीं, सीएम केजरीवाल के पास नकदी और एफडी 2015 में 2.26 लाख रु की थी जो 2020 में बढ़कर 9.65 लाख हो गई है।
पत्नी की अचल संपत्ति में कोई बदलाव नहीं
सुनीता केजरीवाल की अचल संपत्ति में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, अरविंद केजरीवाल की अचल संपत्ति 92 लाख से बढ़कर 1.77 करोड़ हो गई है। पार्टी के पदाधिकारी के मुताबिक, साल 2015 में केजरीवाल की जितनी अचल संपत्ति थी, उसके भाव में बढ़ोतरी के कारण ये इजाफा हुआ है। अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं। उनके खिलाफ बीजेपी ने सुनील यादव को जबकि कांग्रेस ने रोमेश सभरवाल को मैदान में उतारा है।
नामांकन दाखिल करने में देरी के बाद गरमाई थी सियासत
नामांकन के आखिरी दिन मंगलवार को केजरीवाल दोपहर 12 बजे के करीब जामनगर हाउस में नामांकन केंद्र पहुंचे थे। वहां पहले से तमाम निर्दलीय उम्मीदवार अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। उन्हें चुनाव अधिकारी ने 45 नंबर टोकन दिया। केजरीवाल को यहां घंटों इंतजार करना पड़ा जिसको लेकर AAP ने बीजेपी पर निशाना साधा था। वहीं, पूरे मामले पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि, उनके कार्यालय को सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ जानकारी प्राप्त हुई हैं, जिसमें रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल के नामांकन में जानबूझकर देरी कराने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि, उपरोक्त जानकारी भ्रामक है और चुनाव मशीनरी की ओर से जानबूझकर देरी नहीं हुई है। उम्मीदवारों से नामांकन प्राप्त करते समय रिटर्निंग ऑफिसर को कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है।
8 फरवरी को है दिल्ली में वोटिंग
इसके पहले, अरविंद केजरीवाल सोमवार को अपना नामांकन नहीं दाखिल कर सके थे। अरविंद केजरीवाल को नामांकन के लिए 3 बजे तक एसडीएम दफ्तर पहुंचना था, लेकिन रोड शो करते हुए नामांकन के लिए जा रहे केजरीवाल वक्त पर नहीं पहुंच सके थे। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 जनवरी थी। सभी 70 सीटों पर 8 फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को नतीजे आएंगे। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत मिली थी। आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा को तीन सीटें ही मिल पाई थीं।