केजरीवाल की पार्टी 'आप' को 7 साल में डोनेशन में मिले 185 करोड़ रुपये, 75 फीसदी दिल्ली के बाहर से
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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी(आप) को साल 2012 के बाद से अब तक 185 करोड़ रुपये चंदे में मिले हैं। इसमें से 75 फीसदी दिल्ली के बाहर से हैं। ये बात पार्टी के दस्तावजों से पता चलती है। पिछले सात वर्षों में पार्टी को साल 2014-15 में सबसे अधिक 54.14 करोड़ रुपये और साल 2012-13 में सबसे कम 2.02 करोड़ रुपये डोनेशन के तौर पर प्राप्त हुए। इसमें 25 लाख का डोनेशन सबसे अधिक है, जबकि 10 रुपये सबसे कम है।
द प्रिंट की खबर के मुताबिक केजरीवाल की पार्टी को 21 फीसदी डोनेशन ओवरसीज से जबकि 24 फीसदी दिल्ली के लोगों द्वारा दिया गया। बाकी 55 फीसदी डोनेशन पार्टी को देश के अन्य हिस्सों से मिला। दिल्ली के बाद मुंबई और बेंगलुरु शहर के लोगों ने पार्टी को सबसे ज्यादा डोनेशन दिया। आप को विदेश से डोनेशन देने वाले ज्यादातर लोग अमेरिका और कनाडा से हैं।
द प्रिंट से बात करते हुए आप के ओवरसीज संयोजक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पृथ्वी रेड्डी ने कहा कि डोनेशन में भिन्नता की उम्मीद थी। उन्होंने आगे कहा कि ये स्वाभाविक है कि चुनावों के दौरान हमें अधिक डोनेशन मिलता है। उन्होंने कहा कि साल 2013 में दिल्ली में हमने अपना पहला चुनाव लड़ा, साल 2014 में हमने 400 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ा। वहीं साल 2015 में हमने दिल्ली में दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा। हमने पंजाब, गोवा विधानसभा चुनाव के साथ एमसीडी चुनाव भी लडे़। साल 2018 में हमने कर्नाटक और साल 2019 में लोकसभा चुनाव अच्छे से लड़ा।
दिल्ली स्थित सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी के निदेशक, राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार ने कहा कि दान में शुरुआती उछाल आप से जुड़ी उम्मीदों का प्रतीक है। आप का दावा है कि उनका 92.42 फीसदी डोनेशन बैंकों से प्राप्त होता है, जबकि केवल 7.58 फीसदी ही नकदी में आता है। इसके बावजूद आप भी डोनेशन को लेकर विवादों में रही है। साल 2018 में आम आदमी पार्टी ने अपनी गोपनीयता और सुरक्षा के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए अपनी वेबसाइट पर दानदाताओं को सूची जारी करने से इनकार कर दिया था।
पिछले जनवरी में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने साल 2014-15 में पार्टी के वास्तविक और कथित दान में 13 करोड़ रुपये का कथित अंतर पाया। इसके बाद 11 सितंबर को चुनाव आयोग ने पार्टी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और 20 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया था। इस पर आप के सदस्य ने कहा कि पार्टी 1,000 पन्नों के स्पष्टीकरण के साथ चुनाव आयोग में गई, लेकिन तब पैनल ने ये नहीं सुना। उन्होंने कहा कि ये आरोप पार्टी को परेशान करने के लिए लगाए गए थे।
आप के आंकड़े एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा भी दर्ज किए गए हैं। ये चुनाव से संबंधित जानकारी रखने वाली गैर संस्था है। हर पार्टी को किसी भी स्त्रोत से 20 हजार रुपये से ऊपर के डोनेशन की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होती है। साल 2016-17 के एडीआर के आंकड़ों के मुताबिक आप के डोनेशन में चार गुना वृद्धि देखी गई,जो 6.61 करोड़ रुपये से 30.78 करोड़ रुपये थी। हालांकि, पार्टी के अपने खातों में लगभग 217 फीसदी या तीन गुना की वृद्धि देखी गई है।
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