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बच्चों को पढ़ाने का ऐसा जुनून, अरुणाचल प्रदेश में 30 साल की महिला ने खोली रोड साइड लाइब्रेरी

Arunachal Pradesh 30-Year-Old Woman open Free Roadside Library in Papum Pare

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ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश ( Arunachal Pradesh) के छोटे से शहर में रहने वाली 30 साल की महिला नेंगुरंग मीणा (Ngurang Meena) ने राज्य में पहली रोड साइड लाइब्रेरी खोली है। नेंगुरंग मीणा के दिमाग ये आइडिया उस वक्त आया, जब उन्होंने देखा कि राज्य में हर 100 मीटर की दूरी पर शराब की दुकान है, लेकिन एक भी पुस्तकालय नहीं है। सड़क किनारे पुस्तकालय ओपेन कर फ्री-सेवा देने के पीछे नेंगुरंग मीणा उद्देश्य बच्चों में पढ़ने की आदत को विकसित करना है।

बच्चों में खत्म हो रही है रीडिंग हैबिट

बच्चों में खत्म हो रही है रीडिंग हैबिट

नेंगुरंग मीणा अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे जिले के ग्रामीण इलाके निरजुली की रहने वाली हैं। नेंगुरंग मीणा ने 30 अगस्त 2020 को पापुम पारे जिले के ग्रामीण इलाकों में सड़क किनारे लाइब्रेरी की स्थापना की। नेंगुरंग मीणा ने ये सारा काम अपने खर्चों से किया है।

नेंगुरंग मीणा का कहना कि अरुणाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बच्चों किताबें पढ़ने के लिए नहीं मिल पाती है। जिसकी वजह से बच्चों रीडिंग हैबिट खत्म होती जा रही है। राज्य के अधिकांश बच्चे अपने ग्रोथ ऐज में पढ़ने की आदतों को विकसित करने में फेल हो जा रहे हैं।

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नेंगुरंग मीणा ने 20 हजार रुपये लगाकर बनाई रोड साइड लाइब्रेरी

नेंगुरंग मीणा ने 20 हजार रुपये लगाकर बनाई रोड साइड लाइब्रेरी

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए नेंगुरंग मीणा ने बताया कि लाइब्रेरी बनाने के लिए उन्होंने 20 हजार रुपये खर्च किए हैं। जिसमें से उन्होंने 10 हजार रुपये की अलग-अलग विषयों की किताबें खरीदी हैं। इसके अलावा 10 हजार रुपये से किताबों को रखने के लिए लकड़ी का सेल्फ बनवाया है।

नेंगुरंग मीणा ने बताया कि उन्होंने 70-80 किताबें फिलहाल ओपने लाइब्रेरी में रखी है...बाकी उनके घर में है, जिसको धीरे-धीरे वो लाइब्रेरी में लाएंगी।

 नेंगुरंग मीणा बच्चों को चॉकलेट का लालच देकर बुलाती हैं लाइब्रेरी

नेंगुरंग मीणा बच्चों को चॉकलेट का लालच देकर बुलाती हैं लाइब्रेरी

नेंगुरंग मीणा ने बताया कि गांव के बच्चे किताब पढ़ने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं...इसलिए मैं घर-घर जाकर बच्चों को चॉकलेट का लालच देती हूं, ताकी वह कम से कम 15 से 20 मिनट लाइब्रेरी में आकर किताबें पढ़ें।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने किताब दान देने का भी प्रस्ताव दिया है और कुछ लोगों ने डोनेट भी किया है। नेंगुरंग मीणा ने बताया कि उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट देखा था जिसमें एक युवा बाइक पर किताबों को लेकर गांव-गांव घूमता है और बच्चों को किताब पढ़ाता है। उसी से नेंगुरंग मीणा को भी इस ओपेन लाइब्रेरी का आइडिया आया।

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English summary
Arunachal Pradesh 30-Year-Old Woman Ngurang Meena open Free Roadside Library in Papum Pare
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